अपने बेटे की लाश को भी नही बख्शा राजनैतिक रोटियां सेंकने के लिए इंदिरा गाँधी ने !

इस परिवार से जुड़े कई ऐसे सच हैं जो आज भी किसी को नहीं पता हैं l ऐसा ही एक सच हम आपको बता रहे हैं जो आप नहीं जानते होगे

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गाँधी परिवार, एक ऐसा परिवार है जो सबसे ज्यादा विवादों से घिरा हुआ है l इस परिवार से जुड़े कई ऐसे सच हैं जो आज भी किसी को नहीं पता हैं l ऐसा ही एक सच हम आपको बता रहे हैं जो आज कल सोशल मीडिया पर छाया हुआ है संजय गांधी का शव बगल में रखा था और इंदिरा गांधी राजनीति कर रही थी ! बात उन दिनों की है जब इंदिरा गांधी से किसी राजनीतिक मसले पर चर्चा करने के लिए विश्वनाथ प्रताप सिंह दिल्ली आए हुए थे l तभी इंदिरा गांधी के सहायक आरके धवन आए और सीधे उनके कक्ष में गए l  वहां उन्होंने इंदिरा गांधी को एक बड़े हादसे की सूचना दी l आरके धवन की बात सुनते ही  इंदिरा गांधी तुरंत उठकर उनके साथ निकल पड़ी l

दरअसल खबर ये थी संजय गाँधी का प्लेन क्रेश हो गया था, और इंदिरा गांधी तुंरत ही धवन के साथ एम्बेस्डर कार में घटनास्थल के लिए रवाना हो गईं l घटना स्थल पर  इंदिरा गांधी के पहुंचने से पहले ही दोनों शवों को विमान के मलवे में से बाहर निकाल लिया गया था और हॉस्पिटल ले जाने की तैयारी थी lइंदिरा गांधी भी एम्बुलेंस में संजय गाँधी के शव के साथ राम मनोहर लोहिया अस्पताल के लिए रवाना हो गयी थीं l अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टरों ने संजय गांधी को मृत घोषित कर दिया l बताया जाता है कि संजय गांधी के विमान हादसे की खबर मिलने के बाद सबसे पहले अस्पताल पहुंचने वाले नेताओं में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और चंद्रशेखर थे l

इसके बाद इंदिरा गांधी ने कुछ ऐसा कहा जिसे सुनकर  चंद्रशेखर के होश उड़ गए थे, उनके लिए ये यकीन करने मुश्किल था आखिर एक माँ ऐसे में भी कैसे राजनीति कर सकती है ? 

क्या हुआ था जब संजय गांधी का शव बगल में रखा था और इंदिरा गांधी राजनीति कर रही थी …

स्लाइडर के जरिये पढ़ें पूरी पोस्ट..

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