Trending Now
जिसके बाद कुलधारा गांव के मुखिया का आस-पास के 83 गांव के लोगों ने मुखिया की लड़की के सम्मान की खातिर हमेशा के लिए उस जगह को छोड़ने का निश्चय किया और वह रात ही रात घर, परिवार और सामान लेकर गांव छोड़ गये। जिनको जाते हुए ना किसी ने देखा और ना किसी को पता चल पाया कि आखिर वह कहां गये।
इस तरह एक लड़की के सम्मान की खातिर 83 गांव कुलधारा गांव के मुखिया के समर्थन में आए। जिसके बाद उन्होंने जाते-जाते इस गांव को श्राप दिया कि उनके जाने के बाद इस गांव मे कोई भी नहीं बस पाएगा और अगर कोई ऐसा करता है तो उसकी मौत निश्चित है। तब से लेकर आज तक ये गांव उसी श्राप के कारण वीरान और सूनसान पड़ा है। यह कभी शानदार हवेलियों के लिए जाना जाता था, लेकिन अब यहां सिर्फ चारों तरफ खंडहर ही खंडहर बचे हैं। यहां किसी को भी सूर्यास्त और सूर्योदय के बीच जाने की अनुमति नहीं है।
स्लाइडर के जरिये पढ़ें पूरी पोस्ट..
loading...