अगर आप भी है पानी पुरी लवर, तो आपके लिए है बेहद बुरी खबर है. देश के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न नामों से प्रसिद्ध ‘गोलगप्पे’, बटाशा या फुचका को कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ाने के मामले में मददगार माना गया है. कानपुर में इसकी बिक्री बंद करने का आदेश दे दिया गया है.
दरअसल, गोलगप्पे का क्रेज इतना है कि यदि महिलाओं से पूछ लिया जाए कि उनकी सबसे बड़ी विश क्या है तो हो सकता है कि उनका जबाव फुचका खाना भी हो. इसमें चौंकने वाली बिल्कुल नहीं है. यह महिलाओं ही नहीं बल्कि पुरूषों का भी क्रश है.
हाल ही में आयी एक रिर्पोट के मुताबिक, पूरे लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा “पांच मिनट रेसिपी” गुगल और यू-ट्यूब पर सर्च की गयी. आपको बता दें कि गोलगप्पे लवर दिल पर पत्थर रखकर कोरोना और लॉकडाउन के नियमों को पालन कर रहे थे. जैसे ही लॉकडाउन में छूट मिली, टूट पड़े. न तो सोशल डिस्टेंसिंग बचा और न ही कोरोना का कोई डर.
ऐसा ही एक मामला कानपुर से सामने आया है. जहां ठेले पर बिकने वाले गोलगप्पे खाने के चक्कर में लोग न तो कोरोना से डर रहे है और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं. यही कारण है कि जिला मजिस्ट्रेट डॉ. ब्रह्मदेव राम तिवारी ने यहां गोलगप्पे के बिक्री पर रोक लगा दी है. उन्होंने कहा है कि अनलॉक 1.0 के दौरान स्ट्रीट फूड खाने के चक्कर में लोग कोविड-19 के सुरक्षा मानदंडो की धज्जियां उड़ा रहे थे.