उपर वाले कभी भूल के भी कांगो में जन्म मत देना नहीं तो,,, देखिये विडियो- किस तरह की लाइफ जीती हैं यहाँ औरतें

कांगो में औरतों की हालत है बद से बद्तर ...

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मध्य अफ्रीका के देश कांगो के हालात बेहद डरावने हैं। गृहयुद्ध, रेप, लूट-खसाट, मानव तस्करी, वेश्यावृत्ति, बच्चों के हाथों में हथियार, भारी भ्रष्टाचार, हर मामले में इसकी स्थिति खराब दिखती है। डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो की आबादी करीब 8 करोड़ है। क्षेत्रफल के हिसाब से अफ्रीका में दूसरे और दुनिया में 11वें नंबर पर आने वाला यह देश कई समस्याओं से जूझ रहा है और उनसे उबरने की कोशिश भी कर रहा है, यहाँ औरतों की ज़िन्दगी बद से बद्तर हो चुकी है|

कांगों में सरकारी सैनिकों और विद्रोहियों के बीच लगभग दो दशक से संघर्ष जारी है। इस लड़ाई में सबसे ज्यादा परेशानी महिलाआें को उठानी पड़ी है। 2006-07 में जब संघर्ष चरम पर था, तो कांगो के नॉर्थ किवु प्रांत के बड़े शहर गोमा को रेप कैपिटल ऑफ वर्ल्ड कहा जाता था।

तब उस शहर में हर घंटे 48 महिलाओं का बलात्कार होता था।डियरभ्ला ग्लिन ने वाॅर अगेन्स्ट विमेन इन कांगो नामक डॉक्युमेंट्र बनाई है। इस सिलसिले में वे कांगों के युद्धग्रस्त इलाकों में गईं। वहां उन्होंने सैनिकों, विद्रोहियों और रेप विक्टिम्स, तीनों से बात की। ग्लिन ने देखा कि वहां के हालात भयावह हैं। रात में गांवों पर हमला करके खाना और महिलाओं-लड़कियों की इज्जत लूटना आम बात रही है।

उन्होंने रेप पीड़िताओं से बात की, तो पता चला कि रेप की पीड़ा सहने के बाद उन्हें परिवार की उपेक्षा भी सहनी पड़ती है। कई बार तो उनके अपने ही उनसे सारे संबंध तोड़ लेते हैं।यही नहीं, ये पीड़िताएं पुलिस में रिपोर्ट भी नहीं करातीं। रिपोर्ट लिखाने के लिए उन्हें लंबी दूरी तय करके थाने तक पहुंचना होता है, जिसमें पूरा दिन और काफी पैसे लग जाते हैं। गरीबी की मार झेलती ये युवतियां रिपोर्ट लिखाने से बचती हैं।यह भी एक वजह है कि उन्हें इंसाफ मिलने की उम्मीद नहीं होती, उल्टे शोषण का भय होता है। जैसा कि एक रेप विक्टिम ने ग्लिन से कहा- ‘क्यों जाएं पुलिस के पास, एक बार और रेप करवाने के लिए?’

वीडियो में देखिये कंगो में बच्चों के जन्म होने पर क्या हाल होता है वहां कि औरतों का..

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