जेठमलानी-कहीं यह मामला खुद को महान समझने का तो नहीं है। ऑक्सफोर्ड व वेबस्टर डिक्शनरी का जिक्र करते हुई उन्होंने सवाल किया कि साख व प्रतिष्ठा में क्या अंतर है। आपकी याचिका के पीछे तर्कसंगत कारण तो नजर नहीं आता सिवाय इसके कि आप खुद अपने बारे में ऐसा सोचते हैं।
जेटली- मेरे सम्मान को पहुंचे नुकसान के लिए जो मैंने दावा किया है, वह उस बड़ी क्षति का एक बहुत ही छोटा सा हिस्सा है। धन से सम्मान की भरपाई नहीं हो सकती है। सम्मान खोने से व्यक्ति को दिमागी तनाव पहुंचता है और मेरे साथ भी यही हुआ है। -जेठमलानी-आप यह मानते हैं कि आप इतने महान हैं कि इसे आर्थिक तौर पर नहीं मापा जा सकता।
आगे जानिए क्या कहा जेटली ने भावुक होकर
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