BREAKING NEWS:-कश्मीरी मुस्लिम का प्रधानमंत्री मोदी को लिखा पत्र हुआ वायरल !!!आप भी पढ़ें पत्र !

8 नवम्बर को मोदी जी द्वारा लिए गए नोट बेन के फैसले के बाद देश भर से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं ! और इसके बिच कश्मीरी मुस्लिम द्वारा मोदी जी को लिखा हुआ पत्र भी वायरल हो गया है जिससे हर भारतीय को पढना चाहिए !

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हालही में नोट बंदी पर की गयी सर्जिकल स्ट्राइक का असर अब कश्मीर में भी साफ़ तौर पर दिखने लगा है !

मोदी जी को कश्मीर के एक आदमी ने पत्र लिखा था जो अब सार्वजनकि हुआ है ! इस पत्र को आखरी पेज तक पढ़ें ! आपको कुछ ऐसी ब्बतें पता चलेगी जो आपने कभी सोची भी नहीं होंगी !

उस व्यक्ति द्वारा लिखा गया पत्र :-

श्रीमान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

एक कश्मीरी का जीवन भारत के बाकी हिस्सों में रहने वाले लोगों से काफी अलग और कठिन है। एक सामान्य कश्मीरी, अपने परिवार को खिलाने के लिए हर रोज मेहनत करता है, अलगाववादियों और सुरक्षा बलों के बीच लगातार संघर्ष के बीच अपना जीवन जीता है, हालांकि यह वास्तव में एक दुखी जीवन है, लेकिन हमें इसके साथ जीना पड़ता है।

मेरा नाम अफजल रहमान है और मैं एक सामान्य कश्मीरी हूँ – और मैं कश्मीर के 2% अलगाववादियों में से नहीं हूं। मैं एक पति, 4 बच्चों का पिता और बूढ़े माता-पिता का बेटा हूँ – और हाँ मैं एक भारतीय और एक कश्मीरी हूं, जिसकी श्रीनगर में “गारमेंट्स की दुकान” है।

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अपने बच्चों को एक अच्छा भविष्य देने के बारे में सोचता रहता हूं।  हालांकि, इतने सारे खतरों के बाद भी मैंने अपने बड़े बेटे को इस वर्ष कि “पुलिस प्रवेश परीक्षा” देने के लिए कहा। मेरी एक बेटी 12 वीं कक्षा में पढ़ रही है, और मुझे पता है कि यह साल उसके जीवन, भविष्य और विकास में कितना बड़ा बदलाव लाएगा।

लेकिन पिछले 4 महीनों में मैं बहुत परेशान रहा। पिछले 4 महीने कोई व्यापार नहीं हुआ और लगभग हर दिन कर्फ्यू लगा रहा। काम के बिना एक निम्न मध्यम वर्ग का आदमी कैसे जीवित रह सकता है? किसी तरह, मैंने अपनी बचत से अपने परिवार को दो वक्त का खाना  खिलाया, लेकिन समस्या केवल यही नहीं थी।

मेरी बेटी अपनी स्कूली शिक्षा के इतने खास दिनों में कई महिनों तक स्कूल नहीं जा पायी। इस स्थिति ने मेरे बेटे को बहुत हतोत्साहित किया था। उसकी उम्र के युवा जो बेरोजगार थे, सुरक्षा बलों पर पत्थर फेंक रहे थे। उन्हें अलगाववादियों द्वारा पैसे दिए गए थे। लेकिन एक बेरोजगार आदमी और कर ही क्या सकता हैं? – बूढ़े माता-पिता और रोते हुए बच्चों को खाना खिलाने के लिए वह कुछ पैसों के लिए कुछ भी कर सकता है।

मेरा अपना बेटा है, जो पुलिस में भर्ती होना चाहता था, वह भी मेरी जानकारी के बिना पत्थरबाजों के गिरोह में शामिल हो गया। मुझे इसके बारे में तब पता चला जब पैलेटगन से उसके हाथ पर गोली लग गई।

अगले पेज पर पढ़ें गोली लगने के बाद उसके बेटे के साथ क्या हुआ …

स्लाइडर के जरिये पढ़ें पूरी पोस्ट..

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