मुहूर्त शब्द सुनते ही दिमाग में अक्सर शादी, स्थल ग्रहण या नई शुरुआत का विचार आता है। असल में मुहूर्त का मतलब है किसी काम को करने का सबसे अनुकूल समय। जब हम सही मुहूर्त चुनते हैं, तो सफलता की संभावना बढ़ जाती है और नकारात्मक असर कम हो जाता है। यह विज्ञान और ज्योतिष का मिश्रण है, लेकिन इसे समझना इतना कठिन नहीं है कि हम इसे रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में ना इस्तेमाल कर सकें।
सबसे पहले आपको अपना पंचंग चाहिए। आजकल कई वेबसाइट और ऐप मुफ्त में पंचंग दिखाते हैं, जहाँ तिथि, नक्षत्र, योग और वर खंड मिलते हैं। इन पाँचों चीज़ों को देख कर आप तय कर सकते हैं कि आज का दिन आपके कार्य के लिए अनुकूल है या नहीं। दूसरा कदम है "विवरण" देखना—जैसे कि कौनसा नक्षत्र किसी विशेष काम के लिये शुभ माना जाता है। उदाहरण के लिए, धनु नक्षत्र में नई व्यापारिक योजना लॉन्च करना अक्सर लाभकारी माना जाता है। तीसरा, अगर आप शादी जैसी बड़ी घटनाओं की बात कर रहे हैं, तो वर खंड (दिशा) भी देखना जरूरी है। वर खंड आपको बताता है कि दाएँ या बाएँ दिशा में काम शुरू करना बेहतर रहेगा। इन तीन बातों को मिलाकर आप जल्दी ही एक भरोसेमंद मुहूर्त तय कर सकते हैं।
मुहूर्त सिर्फ शादी तक सीमित नहीं है। लोग इसे नौकरी शुरू करने, नई प्रॉपर्टी खरीदने, घर में कुछ नया बनाने या यहाँ तक कि बीज बोने के लिए भी इस्तेमाल करते हैं। अगर आप एक नया व्यावसायिक प्रोजेक्ट शुरू करना चाहते हैं, तो मंगल योग वाले दिन को चुनें—मंगल ऊर्जा उद्यमिता को बढ़ावा देती है। विपरीत रूप में, शनि योग वाले दिन बड़ी वित्तीय लेन‑देन से बचना बेहतर रहता है, क्योंकि शनि बाधा का कारक माना जाता है।
आजकल कई सरकारी घोषणाओं के साथ भी मुहूर्त जुड़ा रहता है। जैसे कि आयकर रिटर्न की आखिरी तारीख या कोई बड़ी भर्ती प्रक्रिया—इनकी तिथियां अक्सर शुभ मुहूर्त में निर्धारित की जाती हैं ताकि लोगों की भागीदारी बढ़े। इसलिए जब भी आप कोई महत्वपूर्ण कदम रखने वाले हों, तो आधिकारिक संकेतों के साथ पंचंग जांचना कारगर रहता है।
अगर आप बस रोज़मर्रा की जिंदगी में थोड़ी सी भाग्यशाली ऊर्जा लाना चाहते हैं, तो छोटे‑छोटे कामों के लिये भी मुहूर्त देख सकते हैं। जैसे कि सुबह के सात बजे हर रोज़ योग करना या दोपहर की दो बजे महत्त्वपूर्ण फ़ाइल भेजना। ये छोटे‑छोटे कदम आपके दिन को सकारात्मक दिशा में मोड़ सकते हैं।
अंत में, याद रखें कि मुहूर्त एक मददगार उपकरण है, लेकिन पूरी सफलता आपके प्रयास और योजना पर भी निर्भर करती है। सही समय चुनना आपके काम को आसान बनाता है, लेकिन मेहनत और संघर्ष का स्थान नहीं लेता। इसलिए जब भी आप कोई बड़ा फैसला लें, तो पहले मुहूर्त देखें, फिर पूरी लगन से आगे बढ़ें।
के द्वारा प्रकाशित किया गया नितिन व्यास साथ 0 टिप्पणियाँ)
2 जुलाई 2025 को बुधवार को अशाद शुक्ल पक्ष की सप्तमी और गुप्त नवरात्रि की छठी तिथि आती है। उत्तरफाल्गुनी नक्षत्र, वैरियाणि योग और कन्या राशि में चंद्रमा इस दिन की प्रमुख विशेषताएँ हैं। सूर्योदय 5:27 एएम, सूर्यास्त 7:23 पीएम और गोधीली मुहूर्त 7:22‑7:42 पीएम उपलब्ध हैं। इस शुभ दिन में नये व्यवसाय, वाहन‑घर‑आभूषण का खरीदना, और धार्मिक अनुष्ठान करना लाभदायक माना जाता है।
और देखें