जब निशा गोपे ने जुलाई 2025 में झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन (JPSC) परीक्षा में 186वां रैंक हासिल किया, तो छोटलखा गाँव‑चंदिल क्षेत्र में उत्साह की लहर दौड़ गई। इस सफलता का मतलब है कि वह अब झारखंड पब्लिक सर्विस की प्रोबेशन सर्विस में शामिल होगी, जहाँ से वह राज्य प्रशासन में अपनी नियुक्ति तक पहुँच सकती है।
परीक्षा की पृष्ठभूमि और प्रतिस्पर्धा
JPSC 2025 भर्ती चक्र ने 30,000 से अधिक प्रत्याशियों को आकर्षित किया, जिनमें से केवल 200 से कम को शीर्ष रैंक मिल पाई। झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन ने इस परीक्षा को तीन चरणों में विभाजित किया: लिखित परीक्षा, इंटरव्यू और मेडिकल टेस्ट। इस साल की लिखित परीक्षा में किनारे‑किनारे 200 सवालों की परीक्षा हुई, जिसमें सामान्य अध्ययन, गणित, और तर्कशक्ति पर गहरा जोर दिया गया।
विशेष रूप से ग्रामीण उम्मीदवारों के लिए यह कठिनाई के साथ-साथ अवसर भी लाता है। "मैं सिर्फ पढ़ाई के साथ ही नहीं, खेतों में काम भी करती थी," निशा ने अपने स्थानीय इंटरव्यू में कहा।
निशा गोपे की कहानी – एक ग्रामीण प्रतिभा का उदय
छोटलखा, चंदिल ब्लॉक के एक छोटे से गाँव में जन्मी निशा गोपे ने अपने सपनों को कभी नहीं छोड़ा। 2023 में उन्होंने हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की, फिर 2024 में झारखंड के एक सामाजिक संस्थान के माध्यम से कोचिंग शुरू की। अनुमान है कि उन्होंने हर रोज़ सात घंटे पढ़ाई की, जबकि मोसम के तेज़ बारिश में भी उनका इरादा नहीं टूटा।
जुलाई 28, 2025 को स्थानीय मीडिया टीम ने बरसाती रास्तों को पार करके उसके घर पहुंचने की कोशिश की। "बारिश में भीगी हुई सड़कों पर कदम रख कर हम यहाँ पहुँचे," रिपोर्टर ने बताया। इंटरव्यू के दौरान उन्होंने 186वां रैंक बताया: "186 है।"
स्थानीय प्रतिक्रिया और समर्थन
निशा की इस उपलब्धि पर गाँव के प्रधान, स्कूल प्रमुख और कई ग्रामस्थों ने बधाई का जत्रा किया। सुभाष चंदेल, चंदिल में पंचायत सदस्य, ने कहा, "ऐसे युवा हमें प्रेरित करते हैं कि ग्रामीण भारत में भी उत्कृष्टता की कोई सीमा नहीं है।"
राज्य सरकार ने भी इस खबर पर सोशल मीडिया पर बधाई दी। झारखंड सरकार के मुख्य अधिकारी ने कहा कि ऐसे केस से ग्रामीण प्रतिभा को पहचानने की जरूरत और भी बढ़ गई है।
सरकारी सेवा में चयन के बाद क्या?
प्रोबेशन सर्विस में चयनित होने के बाद निशा को राजभवन, रांची स्थित प्रशिक्षण संस्थान में दो साल की पाठ्यक्रमी प्रशिक्षण प्राप्त होगी। इस दौरान वह सार्वजनिक प्रशासन, नीति‑निर्माण, और नैतिकता पर गहन शिक्षा लेगी। इस प्रशिक्षण के बाद ही उसे उपयुक्त डिपार्टमेंट में नियुक्ति दी जाएगी।
इंटरव्यू में उनके साक्षात्कारकर्ता ने विशेष सलाह दी: "आप आने वाले समय में ऐसे जनता के लिए कार्य करें, ताकि आपको जनता जिंदगी भर याद रखे। जो भी समस्याएँ आपके पास आती हैं, उन्हें निष्पक्ष तरीके से समाधान करने की कोशिश कीजिए।" निशा ने मुस्कुराते हुए कहा, "मेरी कोशिश रहेगी।"
व्यापक प्रभाव और भविष्य की दिशा
निशा की कहानी राज्य भर में कई युवा छात्रों के लिये प्रेरणा बन गई है। कई कोचिंग सेंटर ने कहा कि अब वे ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक प्रवेशिकाओं को प्राथमिकता देंगे। साथ ही, यह दिखाता है कि JPSC जैसी प्रतिस्पर्धी परीक्षाएँ भी बहु‑पारदर्शी चयन प्रक्रियाओं से ग्रामीण प्रतिभा को पहचान सकती हैं।
भविष्य में, यदि निशा अपने प्रशिक्षण के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करती हैं, तो वह शिक्षा, स्वास्थ्य या ग्रामीण विकास जैसे प्रमुख विभागों में नियुक्त हो सकती है – जहाँ उनकी पृष्ठभूमि और स्थानीय समझ अमूल्य साबित होगी।
सारांश – मुख्य बिंदु
- निशा गोपे, छोटलखा, चंदिल की निवासी, ने JPSC 2025 में 186वां रैंक हासिल किया।
- वह झारखंड पब्लिक सर्विस की प्रोबेशन सर्विस में चयनित हुईं।
- प्रशिक्षण के दौरान दो साल का गहन अध्ययन और विभागीय नियुक्ति होगी।
- स्थानीय समुदाय और राज्य सरकार ने इस सफलता को बड़ी सराहना दी।
- यह कहानी ग्रामीण क्षेत्रों में शैक्षिक प्रेरणा के लिए मील का पत्थर बन सकती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
निशा गोपे को किस विभाग में नियुक्ति मिलने की संभावनाएं हैं?
प्रोबेशन प्रशिक्षण समाप्त होने के बाद उनका बंटवारा उस विभाग में होगा जहाँ उनकी योग्यता और शहरी‑ग्रामीण विकास की समझ सबसे अधिक उपयोगी रहेगी। आमतौर पर JPSC चयनितों को शिक्षा, स्वास्थ्य, जल एवं सौरभ विकास या लोकसत्ता विभागों में नियुक्त किया जाता है।
JPSC 2025 परीक्षा में कुल कितने उम्मीदवार उतरे थे?
इस साल लगभग 30,000 उम्मीदवारों ने लिखित परीक्षा दी, जिसमें से लगभग 2,500 को इंटरव्यू चरण में बुलाया गया। अंततः 200 से कम ही शीर्ष रैंक में जगह बनाने में सफल हुए।
क्या निशा गोपे का चयन ग्रामीण युवाओं के लिये कोई संकेतक है?
बिल्कुल। उनकी सफलता यह दर्शाती है कि सही तैयारी और दृढ़ संकल्प से ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र भी प्रतिस्पर्धी राज्य परीक्षाओं में हाई रैंक हासिल कर सकते हैं, जिससे भविष्य में अधिक सरकारी समर्थन और कोचिंग सुविधाएँ ग्रामीण कैम्पसों में स्थापित हो सकती हैं।
प्रोबेशन सर्विस में प्रशिक्षण कहाँ आयोजित होता है?
प्रशिक्षण मुख्य रूप से राजभवन, रांची में स्थित झारखंड प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान (JAPTR) में दो वर्षों के लिए दिया जाता है, जहाँ प्रशासनिक कानून, सार्वजनिक नीति, और नैतिक नेतृत्व पर विशेष पाठ्यक्रम होते हैं।
निशा गोपे ने अपनी तैयारी में कौन‑से संसाधन इस्तेमाल किए?
उन्होंनें राज्य स्तर के मानक पाठ्यपुस्तकों, ऑनलाइन टेस्ट सीरीज़, और स्थानीय कोचिंग सत्रों का मिश्रण इस्तेमाल किया। साथ ही, उन्होंने पिछले साल के प्रश्नपत्रों का गहन विश्लेषण किया और समय‑प्रबंधन पर विशेष अभ्यास किया।