सोचते‑सोचते थक गए हो क्या कचरे की ढेर? अगर हाँ, तो आप अकेले नहीं हैं। हर घर में कचरा बढ़ता जाता है, लेकिन समाधान भी उतना ही सरल है। नीचे दिया गया गाइड आपको रोज़ के छोटे‑छोटे कदमों से बड़े बदलाव करने में मदद करेगा।
1. खरीदारी से पहले सोचें – पर्याप्त मात्रा में प्लास्टिक बैग, बोतल या पैकेजिंग खरीदने से बचें। बाजार में काँच या धातु की बोतलें लेकर जाएँ, ये फिर इस्तेमाल हो सकती हैं।
2. भोजन बचत पर ध्यान दें – रसोई में बचा भोजन तुरंत फ्रिज में रखें या छोटे‑छोटे हिस्सों में बनाकर फ्रीज़र में फ्रीज़ करें। दोबारा पकाने से कचरा घटता है और पैसे भी बचते हैं।
3. कंटेनर विभाजन अपनाएँ – कचरे को तीन भागों में बाँटें: जैविक, नॉन‑जैविक और रिसायक्लेबल। अलग‑अलग बिन रखें, इससे सफ़ाई वाले लोग काम आसान समझते हैं और आप भी पता चलता है क्या किसमें जाता है।
4. प्लास्टिक को कम करें – एक बार इस्तेमाल होने वाले पैकेजिंग को फेंकने की बजाय, उन्हें साफ कर फिर से इस्तेमाल करें। ऑनलाइन शॉपिंग करते समय डिलीवरी बॉक्स को रखें, फिर अगली बार के लिए अनफ़ॉल्ट करें।
5. कंपोस्टिंग को आज़माएँ – फलों, सब्जियों के छिलके, चाय के पत्ते जैसे जैविक कचरे को छोटी सी किट में जमा कर रखें। दो‑तीन हफ़्तों में ये इस्तेमाल‑योग्य खाद में बदल जाता है, जो बगीचे या गमले के पौधों को पोषित करता है।
रीसायक्लिंग सिर्फ कागज या प्लास्टिक तक सीमित नहीं है। लोहे, एल्यूमीनियम, बैटरी, इलेक्ट्रॉनिक सामान भी रिसायक्लेबल हैं। अपने स्थानीय नगरपालिका की रिसायक्लिंग गाइडलाइन देखें और सही बिन में डालें। अक्सर लोग अलग‑अलग कंटेनर को गलत जगह रख देते हैं, जिससे पूरी प्रक्रिया फेल हो जाती है।
कंपोस्टिंग के लिए बड़ी जगह की जरूरत नहीं है। एक छोटा बक्सा या पुरानी बाल्टी भी काम चलाएगा। बस इसे ढक्कन से कवर रखें, रोज़ थोड़ा‑थोड़ा कचरा डालें, और हर हफ़्ते हल्का‑हल्का घुमा दें। अगर गंध आए तो थोड़ा गीला ग्रीन टी बैग या बेकिंग सोडा डालें। कुछ महीने में आपको घर में खुद की उर्वरक मिल जाएगी।
एक और उपयोगी टिप: प्लास्टिक की बोतलों को साफ करके पानी की बोतल बनाएं या घर में छोटे पॉट के रूप में प्रयोग करें। इससे न सिर्फ कचरा कम होता है, बल्कि आप एक पर्यावरण‑मित्र उपाय भी अपनाते हैं।
अंत में याद रखें, कचरा प्रबंधन कोई बड़े प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि रोज़ की छोटी‑छोटी आदतों का जमावड़ा है। हर बार जब आप एक प्लास्टिक बैग नहीं फेंकते, एक बचे हुए खाने का टुकड़ा नहीं फेंकते, तो आप अपनी धरती का करेक्ट योगदान दे रहे हैं। शुरुआत में थोड़ा मुश्किल लग सकता है, लेकिन कुछ हफ़्तों में आप देखते हैं कि कचरा कम हुआ है और घर भी साफ़‑सुथरा लगा रहा है। यही जीत है – साफ़ घर, साफ़ पर्यावरण।
तो अभी से ही ये टिप्स अपनाएँ और अपनी जिंदगी को कचरा‑मुक्त बनाएं। हर छोटा कदम बड़ा असर डालता है।
के द्वारा प्रकाशित किया गया नितिन व्यास साथ 0 टिप्पणियाँ)
ब्लॉग का मुद्दा "भारत इतना गंदा क्यों है?" मेरे विचार से, इसके सबसे बड़े कारण हमारी सोच और अवगति का अभाव है। हमें जरूरत है अपने वातावरण के प्रति ज्यादा संवेदनशील होने की, और स्वच्छता के महत्व को समझने की। हमें सरकार के स्वच्छता अभियानों का समर्थन करना चाहिए और खुद को भी इसमें शामिल करना चाहिए, ताकि हम अपने देश को स्वच्छ और सुंदर बना सकें।
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