हर साल भारत में आयकर रिटर्न भरने की एक तय तिथि होती है। अगर आप आजकल के अपडेट नहीं जानते, तो देर न करें – इस लेख में हम बात करेंगे कि 2025‑2026 वित्तीय वर्ष की अंतिम तारीख कब है, फ़ाइलिंग में कौन‑कौन सी चीज़ें चाहिए और देर से फ़ाइल करने पर कब पेनल्टी लगती है।
व्यक्तियों के लिये आयकर रिटर्न (ITR) आमतौर पर वित्त वर्ष के समाप्ति के बाद 31 जुलाई तक जमा करना होता है। यदि आप ऑडिट के दायरे में हैं या कंपनियों का रिटर्न दे रहे हैं, तो समय‑सीमा 30 सितंबर तक बढ़ा दी जाती है। यह दो महीने की लेट‑फ़ाइलिंग की छूट है, पर ध्यान रहे कि देर से जमा करने पर 1% प्रति माह (अधिकतम 25%) पेनल्टी लग सकती है।
सही दस्तावेज़ हाथ में रखिए तो प्रक्रिया काफी आसान हो जाती है। आपको चाहिए:
इन सभी को व्यवस्थित रखिए और ऑनलाइन पोर्टल (इनकम टैक्स ई‑फाइल) पर लॉग इन करके ITR फ़ॉर्म चुनें। चरण‑बद्ध निर्देश बिल्कुल वही हैं जैसे आप अपना बैंक ट्रांसफ़र कर रहे हों – फ़ॉर्म भरें, मान्यताओं की जाँच करें, फिर ‘वेरिफ़िकेशन’ पर क्लिक करके सबमिट करें।
अगर आप पहली बार फ़ाइल कर रहे हैं, तो ‘एक्सेल शीट’ या ‘ऑनलाइन आयकर रिटर्न फ़ॉर्म’ में से वह चुनिए जो आपके आय‑स्तर से मेल खाता है (जैसे ITR‑1, ITR‑2 आदि)। टूल खुद‑ब-ख़ुद गणना करके टैक्स लायबिलिटी दिखाता है, इसलिए गणित की चिंता कम होती है।
कई लोग देर से फ़ाइलिंग की वजह से पेनल्टी से डरे होते हैं। याद रखें, यदि आप 31 जुलाई तक नहीं भर पाते, तो 1 जुलाई‑31 जुलाई के बीच में ही देर से जमा कर सकते हैं – यह साल‑भर का 2‑महीना नहीं, बल्कि केवल 2‑महीने की छूट है। इस दौरान भी, 1% प्रति माह की पेनल्टी लगती है, इसलिए जितनी जल्दी संभव हो, जमा कर दें।
अगर आपके पास समय नहीं है या तकनीकी समस्या आ रही है, तो टैक्स पेशेवर या सीए की मदद लेनी बेहतर है। वे आपके दस्तावेज़ चेक करके, सही फ़ॉर्म भरने में मदद करेंगे और पेनल्टी बचाने के लिये समय‑सीमा का ध्यान रखेंगे।
आखिर में, याद रखें कि आयकर रिटर्न फ़ाइल करना सिर्फ़ कानून का पालन नहीं, बल्कि आपका वित्तीय रिकॉर्ड साफ़ रखने का तरीका है। सही समय पर फ़ाइल करने से भविष्य में लोन, वीज़ा या किसी भी सरकारी प्रक्रिया में आसानी रहती है। तो अगले 31 जुलाई को फ़ाइल करने का अलार्म सेट करें, दस्तावेज़ तैयार रखें और बिना देर किए रिटर्न जमा कर दें।
के द्वारा प्रकाशित किया गया नितिन व्यास साथ 0 टिप्पणियाँ)
आयकर रिटर्न की अंतिम तारीख 15 सितंबर 2025 करीब है और वित्त मंत्रालय ने संकेत दिए हैं कि गैर-ऑडिट मामलों में और बढ़ोतरी मुश्किल है। उद्योग संगठनों, खासकर GCCI, ने तारीख 30 सितंबर (गैर-ऑडिट) और 15 दिसंबर (ऑडिट) तक बढ़ाने की मांग की है। 12 सितंबर तक 5.95 करोड़ रिटर्न फाइल और 3 करोड़ ई-वेरिफाइड हुए। देर से फाइलिंग पर जुर्माना और ब्याज लगेगा; बिलेयटेड रिटर्न 31 दिसंबर तक संभव हैं।
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