योगी आदित्यनाथ सीएम बनने से पहले आदित्यनाथ गोरखपुर मंदिर में जनता दरबार लगाते थे, लोगों की परेशानियां सुनते थे और उन्हें दूर करने की कोशिश भी करते थे। जून, 2015 में जब योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर में लोगों की परेशानियाँ सुन रहे थे। उसी बीच एक 9 साल का मासूम बच्चा उनके दरबार में आया जिसका नाम सत्यम था, वह बहुत रो रहा था। उसके हाथों में दो रैकेट और एक शटल कॉक थी। योगी आदित्यनाथ ने उसे अपने पास बुलाया और अपने पास बैठाकर पूछा- ”क्यों रो रहे हो बेटा, क्या दिक्क्त है?
बच्चे ने हिम्मत करते हुए योगी जी से कहा ‘रामलीला मैदान के पास मेरा घर है गुरु जी, मां ने मुझे सामान खरीदने के लिए पैसे दिए थे, लेकिन मैंने उन पैसों से 90 रुपए का बैडमिंटन और कॉक खरीद ली है, और अब जब मैं अपने घर गया तो वहां मां मुझे बहुत डांट रही है और मुझसे कहा है कि इसे मैं वापस करके दुकानदार से पैसे वापस लूँ । गुरु जी मैं वापस दुकानदार के पास गया था, लेकिन उन अंकल ने मुझे गाली देकर भगा दिया है। जिसके बाद मैं पुलिस अंकल के पास गया तो वो मेरी बात सुनकर हंसने लगे और मुझे आपके दरबार जाने की सलाह दी, तो मै आपके पास आया हूँ गुरु जी|