विनोद खन्ना की तरह फिरोज खान का निधन भी 27 अप्रैल को हुआ था.फिरोज ने सन 2009 में दुनिया को अलविदा कहा था. विनोद खन्ना का जन्म 7 अक्टूबर, 1946 में पेशावर, पाकिस्तान में हुआ था लेकिन विभाजन के बाद इनका परिवार मुंबई आकर बस गया था. इन्होने ‘मेरे अपने’, ‘कुर्बानी’, ‘पूरब और पश्चिम’, ‘रेशमा और शेरा’, ‘हाथ की सफाई’, ‘हेरा फेरी’, ‘मुकद्दर का सिकंदर’ जैसी कई शानदार फिल्में की हैं. इन्होने अपने कैरियर की शुरुआत खलनायक के रूप में की थी फिर 1971 में सोलो लीड रोल में फिल्म ‘हम तुम और वो’ में काम किया था, जिसमे इनके रोल को काफी सराहा गया|
विनोद खन्ना जब अपने फिल्मी करियर के शीर्ष पर थे तभी उन्होनें फिल्म इंडस्ट्री छोड़कर भगवान रजनीश की शरण में चले गए जहां उनका नाम था स्वामी विनोद भारती.विनोद खन्ना ने राजनीति में भी सफल पारी खेली. फिलहाल वह पंजाब की गुरदासपुर सीट से बीजेपी के सांसद रहे हैं. एक वक्त में वे बीजेपी के स्टार प्रचारक थे, अपनी फिल्मों मे उनकी छवि नरम दिल वाले एक कठोर व्यक्ति की रही है, एक ऐसा योद्धा, जो हर मुश्किलों से जीत जाता है ऐसे ही छवि थी इनकी|