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हिंदू रीति रिवाजों के अनुसार अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले परिवार के सदस्ययों को अपने बाल मुंडवाने होते हैं। इस प्रथा से महिलाएं दूर रहें इसलिए उन्हें वहां जाने की अनुमति नहीं है।महिलाओं का दिल पुरुषों की अपेक्षा कम कठोर होता है। कहा जाता है कि अगर कोई श्मशान घाट पर रोता है
तो मरने वाले की आत्मा को शांति नहीं मिलती। अगर इस काम में महिलाएं शामिल होगी तो निश्चित ही रोएंगी इसलिए भी इन्हें श्मशान घाट पर आने की मनाही होती है।ये आत्माएं जीवित प्राणियों के शरीर पर कब्जा करने का अवसर ढूंढती रहती है। इनके लिए छोटे बच्चे तथा रजस्वला स्त्रियां सहज शिकार होती हैं। इनसे बचाने के लिए भी महिलाओं तथा छोटे बच्चों को श्मशान जाने की मनाही की जाती है।
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