सूत्रों की मानें तो इस बहस में मौजूदा स्थिति में उद्योगपति और टाटा समूह के सर्वेसर्वा रतन टाटा का नाम आगे है. इस नाम पर संघ परिवार का नजरिया सकारात्मक तो है ही साथ ही बीजेपी को उम्मीद है कि एनडीए और विपक्ष इस नाम पर आसानी से राजी हो जाएगाl एनडीए के लिए मौजूदा स्थिति में इस साल के जुलाई महीने के अंत में होने वाले राष्ट्रपति का चुनाव जीतना टेढ़ी खीर हैl क्योंकि राज्यों में उसके पास अधिक वोट भले ही हों संसद के दोनों सदनों की ताकत में वह विपक्ष के मुकाबले कमजोर हैl
ऐसे में पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की तर्ज पर उद्योगपति रतन टाटा का नाम प्रस्तावित कर सत्ताधारी गठबंधन अपने पसंद के व्यक्ति को राष्ट्रपति पद पर बिठाने की मंशा पूरी कर सकता हैl टाटा समूह के लंबे समय तक अध्यक्ष रह चुके 80 साल के रतन टाटा हाल ही में अपने उत्तराधिकारी सायरस मिस्त्री से हुए संघर्ष को लेकर सुर्खियों में रहे हैं. इस संघर्ष का नतीजा रहा कि रतन टाटा ने भारत के विशाल उद्योग समूह टाटा ग्रुप की अध्यक्षता दुबारा स्वीकार कीl हालांकि इस सुगबुगाहट को लेकर टाटा समूह की ओर से कोई प्रतिक्रिया अभी तक नहीं दी गई है.