जिसमें आपको नियमित तौर पर बैंक विशेष द्वारा निर्धारित राशि रखनी होती है. अगर आप ऐसा नहीं करते तो बैंक आपके ऊपर जुर्माना लगाता है और आपके खाते पर रोक भी लगा सकती है. शहरी इलाकों में न्यूनतम बैलेंस की सीमा अधिकतम 10,000 रुपए हैं, हालांकि यह न्यूनतम बैलेंस की सीमा बैंक विशेष पर निर्भर करती है और अलग-अलग बैंकों के बचत खातों को बनाए रखने के लिए उस बैंक द्वारा तय मानकों को पूरा करना जरूरी होता है. ऐसे में अगर आपके पास एक या दो से ज़्यादा बैंको के बचत खाते हैं तो उसे बनाए रखने के लिए आपको अधिक खर्च करना होगाl
सभी बैंक अपने सेविंग्स खातों सहित क्रेडिट और डेबिट कार्ड व अन्य बैंकिंग सुविधाओं के लिए ग्राहकों से अतिरिक्त शुल्क वसूलते हैं. यहां भी ग्राहकों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है. उसे सभी बचत खातों को बनाए रखने के लिए सभी बैंकों के शुल्क प्रभार को पूरा करना पड़ता है और ऐसा नहीं करने पर आपक बचत खाता स्वतः ही बंद हो जाता हैl