ढाका के शेरे बांग्ला नेशनल स्टेडियम में 23 नवंबर, 2025 को खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में मुशफिकुर रहीम ने अपने 100वें टेस्ट मैच को यादगार बनाते हुए शतक लगाया, जिसके बाद बांग्लादेश ने आयरलैंड को 217 रनों से धूल चटाकर 2-0 से सीरीज जीत ली। यह जीत बांग्लादेश के घरेलू टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में एक नया अध्याय है — न सिर्फ एक बड़ी जीत के रूप में, बल्कि एक ऐसे खिलाड़ी के करियर के एक अहम मील के पत्थर के रूप में भी जिसने देश के लिए लगभग दो दशकों तक खेला है।
मुशफिकुर का यादगार अंतिम दिन
मुशफिकुर रहीम ने पहली पारी में 106 रन बनाए, जो उनके 100वें टेस्ट मैच का बेहतरीन तरीके से शुभारंभ था। दूसरी पारी में वे अपराजित 53 रनों के साथ निकले, जिससे उनका मैच टोटल 159 रन हो गया। यह केवल एक शतक नहीं था — यह एक ऐसा प्रदर्शन था जिसने बांग्लादेश के बल्लेबाजी क्रम को स्थिरता दी। जब आयरलैंड के गेंदबाज लगातार विकेट ले रहे थे, तो मुशफिकुर ने शांति से गेंद का इंतजार किया, फिर जहां जरूरत थी, वहां बारिश की तरह रन बरसाए। उनका यह प्रदर्शन बांग्लादेश के लिए एक भावनात्मक बिंदु था — वह देश के दूसरे खिलाड़ी बन गए जिन्होंने 100 टेस्ट मैच खेले, जिसके पहले मोमिनुल हक थे।
तैजुल इस्लाम: बांग्लादेश का पहला 250 विकेट वाला गेंदबाज
लेकिन इस मैच का सच्चा हीरो था तैजुल इस्लाम। बाएं हाथ के लेगस्पिनर ने पहली पारी में 4 विकेट लिए (76 रन के बदले) और दूसरी पारी में 4 विकेट (94 रन के बदले), जिससे उनका टेस्ट कैरियर का कुल विकेट आंकड़ा 251 हो गया। यह एक ऐतिहासिक क्षण था — बांग्लादेश का पहला गेंदबाज जिसने यह दरिया पार किया। उनकी गेंदबाजी का असर देखकर आयरलैंड के बल्लेबाज अपनी बैट छोड़ने लगे। उनकी गेंदें घूमती थीं, लेकिन उनकी धैर्य और निरंतरता ने वास्तविक अंतर बनाया। यह विकेट बस एक आंकड़ा नहीं था — यह एक पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा बन गया।
आयरलैंड का संघर्ष और असमान लड़ाई
आयरलैंड के लिए यह मैच एक दर्दनाक यात्रा रहा। उनके ऑफ-स्पिनर एंडी मैकब्राइन ने पहली पारी में 6 विकेट लिए (109 रन के बदले), जो उनके लिए एक अच्छा प्रदर्शन था। लेकिन जब बांग्लादेश ने 476 रन बना लिए, तो आयरलैंड के लिए कोई रास्ता नहीं रह गया। दूसरी पारी में उन्होंने फिर से लड़ाई लड़ी — कर्टिस कैम्फर ने 71 अपराजित रन बनाए, जबकि हैरी टेक्टर ने 50 बनाए। लेकिन जब आयरलैंड को 509 रनों का लक्ष्य दिया गया, तो यह एक असंभव कार्य बन गया।
बांग्लादेश की रणनीति: फॉलो-ऑन नहीं, बल्कि बल्लेबाजी का नियंत्रण
बांग्लादेश ने पहली पारी के बाद 211 रनों का लीड लेकर फॉलो-ऑन नहीं मांगा। यह एक जानबूझकर लिया गया फैसला था। उन्होंने अपने बल्लेबाजों को दूसरी पारी में रन बनाने का मौका दिया — और उन्होंने इसे पूरी तरह इस्तेमाल किया। शदमान इस्लाम और महमूदुल हसन जॉय ने 119 रन की साझेदारी की, जबकि मोमिनुल हक ने अपनी तीसरी लगातार पारी में 87 रन बनाए। यह देखकर लगा जैसे बांग्लादेश ने अपने बल्लेबाजों को एक तरह से बाहर निकाल दिया — और फिर उन्होंने आयरलैंड को उसी तरह बाहर कर दिया।
अंतिम दिन: हसन मुराद का धमाका
मैच का अंत बांग्लादेश के युवा गेंदबाज हसन मुराद ने किया। उन्होंने दूसरी पारी में 4 विकेट लिए (44 रन के बदले), जिनमें लगातार दो गेंदों पर दो विकेट भी शामिल थे। जैसे ही वह आयरलैंड के अंतिम बल्लेबाजों को आउट कर रहे थे, स्टेडियम में गूंज उठा — एक जश्न, एक विजय, एक इतिहास। आयरलैंड का अंतिम स्कोर 291 रन था, जो 509 के लक्ष्य से 218 रन कम था।
क्यों यह जीत बड़ी है?
यह सिर्फ एक टेस्ट जीत नहीं है। आयरलैंड ने अब तक केवल 11 टेस्ट मैच खेले हैं — यह एक नवीन टीम है। बांग्लादेश ने इस टीम को घर पर दोनों मैचों में धूल चटाई। यह दिखाता है कि बांग्लादेश अब सिर्फ घरेलू ट्रैक पर नहीं, बल्कि टेस्ट क्रिकेट के विश्व में एक गंभीर शक्ति बन चुका है। उनकी टीम में अब अनुभवी खिलाड़ी और नए ताले हैं — दोनों का संगम है।
भविष्य की दिशा
अगले महीने बांग्लादेश के घरेलू सीजन में श्रीलंका का दौरा है। अगर बांग्लादेश ने आयरलैंड के खिलाफ इतनी आसानी से जीत हासिल कर ली, तो श्रीलंका के खिलाफ भी उनकी टीम को बहुत कुछ उम्मीद है। तैजुल इस्लाम का 250 विकेट और मुशफिकुर का 100वां टेस्ट दो ऐसे मील के पत्थर हैं जो बांग्लादेश के लिए नए नियम बनाने का संकेत देते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
मुशफिकुर रहीम का 100वां टेस्ट क्यों महत्वपूर्ण है?
मुशफिकुर रहीम बांग्लादेश के दूसरे खिलाड़ी हैं जिन्होंने 100 टेस्ट मैच खेले हैं — इस उपलब्धि को हासिल करने वाले केवल दो बांग्लादेशी खिलाड़ी हैं। उन्होंने 18 साल तक देश की टीम के लिए खेला है, और इस मैच में उन्होंने शतक भी लगाया, जिससे उनका करियर और भी अधिक यादगार हो गया।
तैजुल इस्लाम ने 250 विकेट कैसे पार किए?
तैजुल इस्लाम ने पहली पारी में 4 और दूसरी पारी में 4 विकेट लेकर अपना कुल विकेट आंकड़ा 251 पर पहुंचाया। यह बांग्लादेश के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, क्योंकि वह पहले बांग्लादेशी गेंदबाज हैं जिन्होंने यह दरिया पार किया है। उनकी स्पिन और धैर्य ने इस उपलब्धि को संभव बनाया।
बांग्लादेश ने फॉलो-ऑन क्यों नहीं मांगा?
बांग्लादेश ने फॉलो-ऑन नहीं मांगा क्योंकि वे अपने बल्लेबाजों को दूसरी पारी में रन बनाने का मौका देना चाहते थे। इससे उनकी बल्लेबाजी क्रम की गहराई का फायदा हुआ, और आयरलैंड के लिए लक्ष्य और भी असंभव बन गया।
आयरलैंड के लिए यह पराजय क्यों इतना भारी है?
आयरलैंड ने अब तक केवल 11 टेस्ट मैच खेले हैं, जबकि बांग्लादेश ने 100 से अधिक खेले हैं। यह एक असमान लड़ाई थी — बांग्लादेश के पास अनुभव, घरेलू ट्रैक की समझ और गहरी टीम है, जबकि आयरलैंड अभी भी टेस्ट क्रिकेट के बुनियादी चरण में है।
अगला बड़ा टेस्ट मैच कब है?
अगला बड़ा टेस्ट मैच बांग्लादेश और श्रीलंका के बीच अगले महीने ढाका में होने वाला है। बांग्लादेश की टीम इस जीत के बाद आत्मविश्वास से भरी है, और श्रीलंका के खिलाफ भी वे एक बड़ी जीत की उम्मीद कर रहे हैं।
मुशफिकुर रहीम के बाद कौन बांग्लादेश का अगला 100 टेस्ट खिलाड़ी हो सकता है?
अगर कोई खिलाड़ी लगातार खेलता रहे, तो शदमान इस्लाम या महमूदुल हसन जॉय भविष्य में इस उपलब्धि को हासिल कर सकते हैं। दोनों युवा हैं, लेकिन अब तक उन्होंने बांग्लादेश के लिए अच्छा प्रदर्शन किया है।