2 अक्टूबर, 2025 को ऑस्ट्रेलिया ने न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए तीसरे और अंतिम टी20ई मैच में तीन विकेट से जीत दर्ज कर, KFC टी20 सीरीज 2025 को 2-0 से अपने नाम कर लिया। इस जीत के साथ ही ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम ने चैपेल-हैडली ट्रॉफी को अगले साल तक अपने पास रख लिया। लेकिन इस मैच का सच्चा हीरो था उनके कप्तान मिचल मार्श — जिन्होंने अपनी पहली टी20ई शतक पारी बनाकर दबाव के बीच टीम को जीत के लिए ले गए।
दबाव में एक अद्भुत पारी
जब ऑस्ट्रेलिया ने न्यूजीलैंड के 172 रनों के लक्ष्य का पीछा किया, तो उनकी स्थिति बहुत खराब हो गई। सातवां विकेट गिरने के बाद टीम का बोझ सिर्फ एक ही बल्लेबाज पर आ गया — मिचल मार्श। 98 रन पर पहुंचकर उन्होंने एक लंबी गेंद को जोर से मारा — और यह गेंद लगभग बाउंड्री के बाहर जाने वाली थी। दर्शकों की सांसें रुक गईं। फिर... बाउंड्री। जीत की गेंद। टीम के लिए एक ऐतिहासिक पल।इस पारी को टिप्पणीकारों ने 'उनकी सबसे बेहतरीन पारी' बताया। न्यूजीलैंड की टीम ने लगातार दबाव बनाया, लेकिन मार्श ने शांति और आत्मविश्वास के साथ जवाब दिया। वह बिना घबराए, बिना जल्दबाजी के, एक-एक रन जोड़ते गए। जब वह 98 पर पहुंचे, तो उन्होंने खुद को देखा, फिर गेंद की उड़ान पर नजर डाली — और फिर बल्ले से जोर लगाया। यह वही पल था जब उन्होंने अपने नाम को टी20ई इतिहास में दर्ज कर दिया।
न्यूजीलैंड का संघर्ष और मैट हेनरी का शानदार कैच
न्यूजीलैंड ने भी अपना बेहतरीन प्रयास किया। उनके तेज गेंदबाज मैट हेनरी ने एक ऐसा कैच लिया जिसे टिप्पणीकार ने 'असंभव' बताया। 15:38 के समय एक ऊंची गेंद आई — जिसे कोई भी कैच लगाने के लिए तैयार नहीं था। लेकिन हेनरी ने आकाश की ओर देखा, उछलकर बल्ले के बराबर ऊंचाई पर हाथ फैलाए... और गेंद को संभाल लिया। दर्शकों के बीच चीखें भर गईं। यह कैच न्यूजीलैंड के लिए एक बड़ा मोड़ था।न्यूजीलैंड की बल्लेबाजी के दौरान उनकी स्थिति 99 रन पर 5 विकेट थी — जब उनके खिलाफ ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने बड़ी तेजी से विकेट लिए। एडम ज़म्पा की लेग स्पिन ने बल्लेबाजों को उलझाया, और ज़ेवियर बार्टलेट ने एक ओवर में सिर्फ एक रन दिया — जो न्यूजीलैंड के लिए एक बड़ा झटका था।
पहला और तीसरा टी20ई: दो जीत, एक खाली मैच
यह सीरीज कुल तीन मैचों की थी, लेकिन दूसरा मैच खेला ही नहीं गया। शुरुआत में, पहले टी20ई में मार्कस स्टोइनिस ने 6 विकेट से जीत दिलाई थी। उस मैच में न्यूजीलैंड के युवा बल्लेबाज टिम रॉबिनसन ने 50 रन बनाए थे, लेकिन ऑस्ट्रेलिया की टीम ने उनकी पारी को निष्फल नहीं होने दिया।दूसरे मैच का आयोजन न होने का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है — शायद मौसम, या फिर टीमों की खेल योजना। लेकिन यह बात जरूर है कि ऑस्ट्रेलिया ने दो मैचों में दो जीत दर्ज कीं — और वह जीत दोनों बार दबाव के बीच आई।
चैपेल-हैडली ट्रॉफी: दो देशों का लंबा रिश्ता
यह ट्रॉफी सिर्फ एक मैच नहीं, बल्कि दो देशों के बीच 20 साल से चले आ रहे क्रिकेट के रिश्ते का प्रतीक है। इसे 2004-05 से शुरू किया गया था, और इसका नाम ऑस्ट्रेलिया के दो लीजेंड्स — आइन चैपेल और ग्रेग चैपेल — और न्यूजीलैंड के बड़े गेंदबाज सर रिचर्ड हैडली के नाम पर रखा गया है।‘The Chapel Hadley’ शब्द जो टिप्पणी में गलत बोला गया — वह वास्तव में ‘The Chappell-Hadlee’ था। और जब कहा गया कि ‘यह ट्रॉफी तस्मान सागर के दूसरी ओर रह गई’ — तो इसका मतलब था कि ऑस्ट्रेलिया ने इसे अपने पास रख लिया। तस्मान सागर ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच का पानी है। और अब यह ट्रॉफी फिर से ऑस्ट्रेलिया के पास है।
मैच के बाद की प्रतिक्रिया: जीत का मज़ा और बेहतरीन पारी
मैच के बाद मैट शॉर्ट जैसे खिलाड़ियों ने कहा कि यह टीम के लिए बहुत बड़ी जीत थी — क्योंकि दबाव के बीच भी वे शांत रहे। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने अपनी बल्लेबाजी के बारे में कहा — ‘हम जीतने के लिए नहीं, बल्कि बचने के लिए नहीं खेल रहे थे। हम जीतने के लिए खेल रहे थे।’मार्श की पारी के बाद कई क्रिकेट विशेषज्ञों ने इसे ‘मौके के लिए बनाई गई शानदार पारी’ बताया। एक पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने कहा — ‘जब आपकी टीम लगभग गिर चुकी हो, और आप अकेले हों — तो जो बल्लेबाज जीत दिलाता है, वही असली कप्तान होता है।’
क्या अगला कदम?
अगले महीने ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच एक वनडे सीरीज शुरू होने वाली है। इस बार दोनों टीमें अपने वनडे टीम को फिर से बनाने की कोशिश करेंगी। मार्श की इस पारी ने उन्हें एक नया आत्मविश्वास दिया है — और अब वह वनडे में भी अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं।अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
मिचल मार्श की यह शतक पारी किस तरह अद्वितीय है?
यह मार्श की पहली टी20ई शतक पारी थी, और यह बहुत खास थी क्योंकि वह टीम के लिए दबाव में खेल रहे थे। जब ऑस्ट्रेलिया 7 विकेट खो चुकी थी, तब उन्होंने 98 रन बनाए और फिर जीत की बाउंड्री मारी। इस तरह की पारी टी20ई इतिहास में बहुत कम होती है — खासकर कप्तान की ओर से।
चैपेल-हैडली ट्रॉफी क्या है और कब से चल रही है?
चैपेल-हैडली ट्रॉफी ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच एक बाइलेटरल क्रिकेट ट्रॉफी है, जिसे 2004-05 से शुरू किया गया। इसका नाम ऑस्ट्रेलियाई लीजेंड्स आइन और ग्रेग चैपेल और न्यूजीलैंड के सर रिचर्ड हैडली के नाम पर रखा गया है। यह ट्रॉफी टी20ई, वनडे और पुराने वनडे मैचों में भी लड़ी जाती है।
दूसरा टी20ई मैच क्यों नहीं खेला गया?
अभी तक कोई आधिकारिक कारण नहीं बताया गया है। संभावना है कि मौसम, खिलाड़ियों की थकान या टीम बैलेंस के कारण इसे रद्द कर दिया गया। ऐसा पहले भी हुआ है — जैसे 2023 में भी एक मैच बारिश के कारण रद्द हुआ था।
मैट हेनरी का कैच क्यों इतना खास था?
यह कैच एक ऊंची, अस्थिर गेंद थी जिसे कोई भी लेने के लिए तैयार नहीं था। हेनरी ने जमीन से लगभग 10 फीट ऊपर उछलकर गेंद को संभाला। टिप्पणीकारों ने इसे ‘असंभव’ और ‘क्रिकेट का सबसे बेहतरीन कैचों में से एक’ बताया। यह न्यूजीलैंड के लिए एक बड़ा मोड़ था।
अगली सीरीज में ऑस्ट्रेलिया की टीम कैसी रहेगी?
मार्श की इस पारी ने टीम को आत्मविश्वास दिया है। अगली वनडे सीरीज में वे अपनी बल्लेबाजी को और ज्यादा टिकाऊ बनाने की कोशिश करेंगे। ज़म्पा और बार्टलेट जैसे गेंदबाजों की भूमिका भी बढ़ जाएगी — खासकर जब न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाजों का सामना होगा।
क्या यह जीत ऑस्ट्रेलिया के विश्व कप रैंकिंग पर असर डालेगी?
हां, यह जीत ऑस्ट्रेलिया की टी20ई रैंकिंग को मजबूत करेगी। अभी वे दुनिया की टॉप-3 टीमों में हैं, और इस जीत से उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा। अगले साल विश्व कप के लिए यह एक महत्वपूर्ण आधार है — खासकर जब वे न्यूजीलैंड जैसी टीमों के खिलाफ दबाव में जीत दर्ज कर रहे हैं।