जब India Bullion & Jewellers Association (IBJA) ने 18 अक्टूबर 2025 को घोषित किया कि 24 कैरेट सोना 10 ग्राम पर ₹1,29,584 का भाव रखता है, तब All India Sarrafa Association ने समान डेटा रिपोर्ट किया, और दिल्ली सरफ़ा मार्केट में कीमत ₹1,34,800 तक पहुँच गई। इस बीच, MCX के दिसंबर डिलिवरी फ्यूचर में 10 बजे तक गिरावट दिखी, जबकि लोकप्रिय ज्वेलर Tanishq ने अपने स्टोर में नया आभूषण ऑफर किया। यही बेमेल भाव धनतेरस के पावन दिन पर आम आदमी को झटका दे रहा है।
धनतेरस का महत्त्व और सोने‑चाँदी का परिदृश्य
धनतेरस, जो दीपावली से दो दिन पहले मनाया जाता है, भारतीय घरों में सोना‑चाँदी खरीदने का शुभ समय माना जाता है। इस दिन की रीत‑रिवाज़ें पुरानी हैं—घर‑परिवार अपने बचत को धातु में बदलते हैं, ताकि आने वाले वर्ष में समृद्धि बनी रहे। पर 2025 में यह परम्परा आर्थिक वास्तविकताओं से टकरा रही है।
वर्तमान बाजार मूल्य की बारीकियाँ
IBJA के आंकड़ों के अनुसार, 24K सोना रोज़ाना औसत ₹1,29,584 पर 10 ग्राम मिल रहा है, लेकिन दिल्ली सरफ़ा मार्केट में वही सोना ₹1,34,800 तक पहुँचा। 23K सोना ₹1,29,065, 22K ₹1,18,699, 18K ₹97,188 और 14K ₹75,807 पर उपलब्ध थे। वहीँ, 999 चाँदी का मूल्य ₹1,69,230 प्रति किलोग्राम बताया गया।
दूसरी ओर, Navbharat Times ने 10 AM तक MCX के फ्यूचर में 24K सोना ₹1,27,320 पर गिरते हुए दिखाया, जबकि चाँदी के भाव ₹1,57,300 तक गिर गए। यह विरोधाभास निवेशकों के बीच हड़कंप मचाता है।

मुख्य ज्वैलरी ब्रांडों की रणनीतियाँ
जैसे Malabar Gold & Diamonds ने 22K सोने के आभूषण ₹11,995 प्रति ग्राम की कीमत पर लिस्ट किए, वहीँ Tanishq ने ₹12,210 प्रति ग्राम पर बेचने का प्रस्ताव रखा। दोनों ब्रांडों ने पुराने आभूषणों की फ्री एक्सचेंज योजना लागू की, जिससे ग्राहक अपने बचे हुए सोने को नई खरीदारी में बदल सकें।
‘सजग ग्राहक अब तो सोने को बचाने की कोशिश में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे,’ एक ज्वैलरी मैनेजर ने कहा।
उपभोक्ता प्रतिक्रिया और भविष्य की संभावनाएँ
झाँकते ही दिखता है कि भीड़भाड़ वाले बाजारों में ग्राहक अभी भी उत्साहित हैं। Zee News के एक रिपोर्टर ने बताया, “धनतेरस के दिन दुकानों में भीड़ लगी हुई है, जबकि कीमतों में उछाल है, लेकिन लोग अभी भी खरीदारी कर रहे हैं क्योंकि सोना परंपरागत रूप से सुरक्षा माना जाता है।” दूसरी ओर, कई लोग “अब तो सोना इतना महँगा हो गया, क्या यही समय नहीं है जब घर‑घर से सोना शॉपिंग कार्ट में नहीं डालना चाहिए?” ऐसा कह कर असंतोष जताते हैं।
विशेषज्ञ राघव श्याम, बॉम्बर एंड को. के एनालिस्ट कहते हैं, “वर्तमान में मूल्य में अस्थायी गिरावट का सिलसिला दिख रहा है; अगर अगले दो‑तीन हफ़्तों में कीमतें स्थिर रहती हों तो खरीदारों को लाभ होगा।”

इतिहास में कीमतों की तुलना
पिछले साल के इस ही दिन सोने की कीमत 10 ग्राम पर लगभग ₹79,000 थी। यानी एक साल में कीमत में लगभग 57% वृद्धि हुई है। 2018‑19 में धनतेरस पर 10 ग्राम सोना ₹31,000 के आसपास था। इस तेज़ी ने न केवल उपभोक्ताओं को, बल्कि रिटेलर्स और आयातकों को भी नई रणनीति अपनाने पर मजबूर किया है।
आयात–निर्यात नीतियों में बदलाव, रिवॉल्वर मोनेटरी पॉलिसी और वैश्विक भू‑राजनीतिक तनाव सभी इस तीव्रता में योगदान दे रहे हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
धनतेरस पर सोने की कीमत बढ़ने का मुख्य कारण क्या है?
वित्तीय वर्ष के अंत में वैश्विक मौद्रिक सख्ती, आयात शुल्क में वृद्धि और भारतीय रियायत‑कमजोर होना मुख्य कारण माने जा रहे हैं। साथ ही, निवेशकों ने रक्षात्मक संपत्ति के रूप में सोने को अधिक चुना है।
उपभोक्ता अब कैसे बचाव कर सकते हैं?
बजट‑फ़्रेंडली 14K या 18K ज्वेलरी चुनना, पुराने आभूषणों को ब्रांड‑कॉलोनी द्वारा फ्री एक्सचेंज कराना और फ्यूचर बाजार में छोटे‑समय की गिरावट का लाभ उठाना बेहतर विकल्प हो सकता है।
क्या MCX पर सोने की गिरावट स्थायी है?
विश्लेषकों का मानना है कि यह छोटी‑सी गिरावट बाजार के समायोजन के कारण है। लेकिन अंतर्राष्ट्रीय कीमतों की तेज़ी और भारत में आयात‑निर्यात नीति के कारण अंतिम दिशा अभी अनिश्चित बनी हुई है।
ज्वैलरी आउटलेट्स ने कौन सी विशेष ऑफर दी?
Tanishq, Malabar Gold & Diamonds और Kalyan Jewellers ने पुराने आभूषणों की फ्री एक्सचेंज, सीमित अवधि के डिस्काउंट और बंडल‑ऑफ़र्स जारी किए हैं, जिससे खरीदारों को थोड़ा मूल्य‑बचाव मिल सके।
भविष्य में सोने‑चाँदी की कीमतों पर क्या असर पड़ सकता है?
यदि वैश्विक मुद्रास्फीति दबाव घटता है और भारत में आयात शुल्क स्थिर रहता है तो कीमतें मध्यम रूप से स्थिर रह सकती हैं। अन्यथा, भू‑राजनीतिक तनाव या अमेरिकी फेडरल रिज़र्व की नीति परिवर्तन कीमतों को फिर से तेज़ी से बढ़ा सकते हैं।