और मेरी हरेक बात को उचित ठहरा देता है मेरे मुंह से अल्लाह ही बोलता है “सहीह मुस्लिम – किताब 1 हदीस 54 । 4 -मुहम्मद को गाली,अल्लाह को गाली “अबू हुरैरा ने कहा कि ,जब कुरैश के लोग रसूल को मुहम्मद कि जगह “मुहम्मम “कहकर चिढाते थे तो,रसूल ने कहा क्या तुम लोग यह नहीं जानते हो कि, तुम अल्लाह को चिढ़ा रहे हो .इस से तुम पर अजाब पड़ेगा “बुखारी – जिल्द 4 किताब 56 हदीस 773 5 -मुहम्मद कि जुबान अल्लाह कि जुबान “अबू मूसा ने कहा कि ,रसूल ने कहा, मैं जो भी कहता हूँ वह मेरी नहीं बल्कि अल्लाह कि जुबान है।
जिसने मेरी बात मानी समझ लो उसने अल्लाह कि बात को मान लिया “अबू दाऊद-किताब 3 हदीस 5112 “आयशा ने कहा कि ,हिन्दा बिन्त उतबा रसूल के पास शिकायत लेकर आई और बोली कि ,मुझे अबू सुफ़यान से खतरा है ,क्या मैं अपना घर छोड़ कर चली जाऊं ,क्या सुफ़यान को अल्लाह का खौफ नहीं है रसूल ने कहा तुम डरो नहीं ,तुम्हें कुछ नहीं होगा।