हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर-मनाली से जम्मू-कश्मीर के लेह को जोड़ने वाली इस लाइन का रूट 498 किलोमीटर लंबा होगा। यदि इस रेल ट्रैक को तैयार करने की योजना परवान चढ़ती है तो यह चीन किंघाई-तिब्बत रेलवे को पछाड़कर दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ट्रैक होगा। इस ट्रैक की ऊंचाई समुद्र तल से 3,300 मीटर होगी। रेल मंत्रालय की ओर से जिन 4 महत्वपूर्ण रेल नेटवर्क्स की योजना बनाई गई है, उनमें से लेह तक बनने वाली यह लाइन भी होगी।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु इस लाइन के फाइनल लोकेशन सर्वे के काम का उद्घाटन 27 जून को करेंगे। इस सर्वे पर 157.77 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इस सर्वे का खर्च रेल मंत्रालय की बजाय रक्षा मंत्रालय उठा रहा है। यह प्रस्तावित रेल लाइन बिलासपुर से चलकर सुंदरनगर, मंडी, मनाली, टांडी, केलॉन्ग, कोकसार, दारचा, उप्शी और कारू से होते हुए लेह तक जाएगी। इस फाइनल लोकेशन सर्वे की जिम्मेदारी रेलवे की पीएसयू कंपनी RITES को दी गई है। अब देखना ये है कब इस काम की शुरुवात होती है.