भारत में जम्मू-कश्मीर एक अलग तरह का राज्य है, यहाँ के नियम कानून और राज्यों से थोड़ा अलग है | यहां जितनी भी सरकारी योजनाओं की सुविधाएं है, वो सिर्फ मुसलमानों को ही मिलती है | क्योकि यहाँ आज भी मुसलमानों को अल्पसंख्यक का दर्जा मिला हुआ है | इसी बात को लेकर कुछ दिन पहले अंकुर शर्मा नाम के एक शख्स ने आवाज उठाई थी, और इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी | सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई की है |
इस मामले को लेकर सरकार को एक बड़ा आदेश दिया है | सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केन्द्र सरकार और राज्य सरकार इस बारे में एक बैठक करें और रिपोर्ट बनाएं कि राज्य में कौन बहुसंख्यक है और कौन अल्पसंख्यक है | दायर याचिका में कहा गया है कि पिछले 50 साल से जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यकों की गिनती नहीं हुई है | तब मुस्लिम अल्पसंख्यक थे | और इसी के आधार पर जितनी भी सरकारी योजनाओं की सुविधाएं है, वो सिर्फ मुसलमानों को ही पहले मिलती है |