रंजन गोगोई व न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की पीठ ने यह फैसला सुनाया है। की विपक्ष के बगैर भी चयन होगा|लोकपाल कानून कहता है कि राष्ट्रपति चयन समिति की सिफारिश पर लोकपाल और सदस्यों की नियुक्ति करेंगे। उनके द्वारा ही इसका फैसला लिया जायेगा और कहा है की अगर नेता विपक्ष नहीं है तो निश्चित तौर पर चयन समिति के अध्यक्ष (प्रधानमंत्री) और दो अन्य सदस्य (लोकसभा अध्यक्ष और मुख्य न्यायाधीश या उनके द्वारा नामित सुप्रीमकोर्ट के न्यायाधीश) मिल कर चयन समिति में विख्यात न्यायविद की नियुक्ति करेंगे।
कोर्ट ने कहा कि उन्हें इस संक्षिप्त चयन समिति द्वारा लोकपाल और सदस्यों की नियुक्ति के नामों का पैनल तैयार करने के लिए सर्च कमेटी का गठन करने में भी कोई कानूनी खामी नजर नहीं आ रही है।विख्यात न्यायविद की नियुक्ति राष्ट्रपति चयन समिति के अध्यक्ष व अन्य सदस्यों की सिफारिश पर करेंगे।कोर्ट मानती है की इस तरह की नियुक्ति कोई गैर कानूनी नहीं है|