*पहले कार की खिड़की से धोया, फिर खिड़की खोल के! भूत निकाल दिया था उसका।*
अभी भी कोर्ट में केस चल रहा है। लेकिन न्यायालय जहाँ न्याय देने में असमर्थ हो, वहां किसी न किसी को आगे बढ़ के दो-दो हाथ करने ही पढ़ते हैं। आप क्या सोचते हैं?
जब ऐसे दरिंदे खुले आम घूमेंगे तो किसका खून नहीं खौलेगा? यदि आपने अब तक नहीं देखा,