मुसलमानों में दो प्रकार के विवाहों की व्यवस्था है – 1. निकाह “स्थायी विवाह” और 2. मुताह निकाह “अस्थायी विवाह” । साथियो क्या आप जानते हैँ “मुताह निकाह” क्या होता है?“मुताह निकाह” एक तरह का फौरी विवाह है, इसमें पैसा देकर कुछ समय के लिए किसी महिला से “अस्थाई विवाह” कर शाररिक संबंध बनाया जा सकता है | यह अति संवेदनशील धार्मिक भावनाओँ वाले लोगोँ मेँ प्रचलित एक अति विशिष्ट “विवाह” पद्धति है।
इस “अति विशिष्ट विवाह” की अवधि पहले से तय होती है, जो आमतौर पर एक या कुछ रातेँ होती हैं | और इस निकाह मेँ शौहर अपनी बेगम को ठीक वैसे ही रुपए देता है जैसे किसी वेश्या को उसके ग्राहक देते हैँ और जब मुताह निकाह की पहले से तय अवधि समाप्त हो जाती है तो उसके पश्चात उस लङकी का अपने शौहर से कोई रिश्ता नहीँ रह जाता है ।