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तीन दिन बाद मंदिर के दरवाजे खोले जाने पर यह वस्त्र माता के रज से लाल रंग से भीग जाता है। जिसे भक्तों को प्रसाद के रूप में दिया जाता है। कामाख्या मंदिर है तंत्र विद्या का सबसे बड़ा स्थल – कामाख्या मंदिर को तंत्र विद्या का सबसे बड़ा केंद्र माना गया है। यहां पर हर साल जून के महीने में अंबुवासी मेला लगता है, जिसमें देश के हर कोने से साधु-संत और तांत्रिक इकट्ठा होकर तंत्र साधना करते हैं।
इस दौरान मां के रजस्वला होने का उत्सव मनाया जाता है। मां के रजस्वला होने के समय ब्रह्मपुत्र नदी का पानी तीन दिन के लिए लाल रहता है। अगर संक्षेप में कहें तो यह मंदिर स्त्री की रचनात्मकता को प्रदर्शित तो करता ही है साथ ही साथ यह भी दर्शाता है कि स्त्री ही ब्रम्हांड की जननी है।
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