आज हर कोई दो ही नाम लिया जा रहा है एक मोदी और दूसरा योगी ,आपके दिल में हिन्दू ही रहते हैं या मुसलमान भी? जवाब ऐसा आया कि तालियाँ बजने लगीं!इस देश के अधिकतर पत्रकार ये समझते हैं कि यदि कोई हिन्दू हित की बात करे, तो वह अवश्य ही सांप्रदायिक होगा!
कोई डंके की चोट पर हिन्दू संस्कृति, सनातन मूल्यों और हमारी अति-प्राचीन पहचान को बिना किसी संकोच से अपना ले, तो वो पत्रकारों के लिए महा-साम्प्रदायिक हो जाता है!
चुनावों के दौरान, एक पत्रकार ने योगी आदित्यनाथ को ऐसे प्रश्नों के इर्द-गिर्द घुमाने की कोशिश की! जवाब में योगी अदियानाथ ने न सिर्फ स्वयं के हिन्दू-हितैषी होने की बात डंके की चोट पर कही,
बल्कि यह भी साबित कर दिया की असल में वो या भाजपा सांप्रदायिक नहीं, बल्कि वो लोग हैं जिन्होंने दशकों तक उत्तर प्रदेश में टुच्ची माइनॉरिटी तुष्टिकरण की पालिसी को बढ़ावा दिया है!