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केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश में अगले तीन साल के लिए शहरी ढांचे का विकास करने के मकसद से 4,239 करोड़ रुपये मंजूर कर दिए हैं। सूबे में अब तक की सबसे बड़ी चुनावी जीत हासिल करने के बाद मोदी सरकार ने ‘अमृत स्कीम’ इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए यह राशि जारी की है।

इससे पहले केंद्र की ओर से हंडिया-वाराणसी छह लेन हाईवे के लिए भी 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी की जा चुकी है। इस राशि को मंजूर किए जाने के साथ ही यूपी में शहरी विकास के लिए मंजूर की गई रकम का आंकड़ा 11,421 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इसमें से 4922 करोड़ रुपये की मदद केंद्र सरकार देगी।

 

अमृत स्कीम के तहत देश के 500 शहरों में पीने के पानी, सीवरेज, ड्रेनेज नेटवर्क, नॉन-मोटराइज्ड ट्रांसपोर्ट और अन्य सुविधाओं का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘शहरी विकास मंत्रालय ने 2017 से 2020 तक उत्तर प्रदेश में अमृत ऐक्शन प्लान के तहत इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए 4,239 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है।’ इसके अलावा तेलंगाना 703 करोड़ रुपये मंजूर की गई है। पूर्व में जारी की गई राशि को मिला लें तो अब तक 1,673 करोड़ रुपये देश के इस नए राज्य के लिए दिए जा चुके हैं। इन परियोजनाओं के लिए 832 करोड़ रुपये की मदद केंद्र सरकार देगी।

मिलनाडु के लिए 2017 से 2020 के दौरान 4,154 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी गई है। इस सूबे में 5 साल के लिए अब तक 11,237 करोड़ रुपये के निवेश की अनुमति दी जा चुकी है। इसमें केंद्र सरकार की ओर से 4,756 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाएगा। महाराष्ट्र में 2015 से 20 के दौरान कुल 6,759 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी गई है, इसमें से 3,534 करोड़ रुपये केंद्र सरकार की ओर से जारी किए जाएंगे।

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