तीन तलाक, हलाला पर सुप्रीम कोर्ट हुई सख्त कोर्ट ने सुनाया अपना ये फैसला .. मुस्लिमो में गुस्सा .

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1. धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के तहत तीन तलाक, हलाला और बहु-विवाह की इजाजत संविधान के तहत दी जा सकती है या नहीं ?2. समानता का अधिकार और गरिमा के साथ जीने का अधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार में प्राथमिकता किसको दी जाए?3. पर्सनल लॉ को संविधान के अनुछेद 13 के तहत कानून माना जाएगा या नहीं?4. क्या तीन तलाक, निकाह हलाला और बहु-विवाह उन अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत सही है, जिस पर भारत ने भी दस्तखत किये हैं?

केंद्र सरकार के अलावा भी मामले से संबंधित कुछ पक्षों ने अपने सवाल रखे, लेकिन ये सभी सवाल फिर से फ्रेम किए जाएंगे क्योंकि कोर्ट ने कहा है कि सभी पक्ष अपने-अपने सवाल 30 मार्च तक अटॉर्नी जनरल को दे दें। उसके बाद अदालत तय करेगी कि किन मुद्दों पर विचार किया जाए।

आगे देखिये केंद्र ने कैसे मुद्दे रखे 

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