अपनी यौन इच्छाओं की पूर्ति के लिए मुगल हरम में हिन्दू महिलाओं के साथ-साथ, अपनी बेटियों के साथ भी…

मुगलों का सेक्स इतिहास बयाँ करता हैं उनकी क्रूरता और हैवानियत...

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हरम मुग़लों को विरासत में मिलता था जहाँ सकड़ों हिन्दू महिलाओं के साथ बनाये जाते थे यौन संबंध 

इतिहासकारों की माने तो शाहजहाँ के हरम में सैकड़ों रखैलें थीं जो उसे उसके पिता जहाँगीर से विरासत में मिली थीl उसने बाप की सम्पत्ति को और बढ़ायाl उसने हरम की महिलाओं की व्यापक छाँट की तथा बुढ़ियाओं को भगाकर और अन्य हिन्दू परिवारों से सुंदर महिलाओं से वो अपने हरम को बढ़ाता ही रहाl

कहते हैं कि उन्हीं भगायी गयी महिलाओं से दिल्ली का रेडलाइट एरिया जी.बी. रोड गुलजार हुआ था और वहाँ इस धंधे की शुरूआत हुई थीl जबरन अगवा की गई हिन्दू महिलाओं की यौन-गुलामी और यौन व्यापार को शाहजहाँ आश्रय स्थान देता था, और अक्सर अपने मंत्रियों और सम्बन्धियों को पुरस्कार स्वरूप अनेकों हिन्दू महिलाओं को उपहार में दिया करता थाl यह नर पशु, यौनाचार के प्रति इतना आकर्षित और उत्साही था, कि हिन्दू महिलाओं का मीना बाजार लगाया करता था, यहाँ तक कि उसके महल में भी ये बाजार लगा करता थाl

सुप्रसिद्ध यूरोपीय इतिहासकार फ्रांकोइस बर्नियर ने इस विषय में टिप्पणी की थी कि, ”महल में बार-बार लगने वाले मीना बाजार, जहाँ अगवा कर लाई हुई सैकड़ों हिन्दू महिलाओं का, क्रय-विक्रय हुआ करता था, राज्य द्वारा बड़ी संख्या में नाचने वाली लड़कियों की व्यवस्था, और नपुसंक बनाये गये सैकड़ों लड़कों की हरमों में उपस्थिती, शाहजहाँ की अनंत वासना के समाधान के लिए ही थीl”

आगे पढ़ें अपनी सेक्स की हवस के चलते ही शाहजहाँ ने किया था पहले से शादीशुदा मुमताज से निकाह…

शाहजहाँ ने अपनी हवस को पूरा करने के लिए मुमताज के पति की मृत्यु कर उससे जबरन शादी की थी 

जैसे की न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में भी शाहजहाँ को प्रेम की मिसाल के रूप में पेश किया जाता रहा है और किया भी क्यों न जाए सैकड़ों औरतों को अपने हरम में रखने वाला अगर किसी एक में ज्यादा रुचि दिखाए तो वो उसका प्यार ही कहा जाएगाl आप यह जानकर हैरान हो जायेंगे कि मुमताज का नाम मुमताज महल था ही नहीं बल्कि उसका असली नाम “अर्जुमंद-बानो-बेगम” था, और तो और जिस शाहजहाँ और मुमताज के प्यार की पूरी दुनिया में इतनी डींगे हांकी जाती है वो शाहजहाँ की ना तो पहली पत्नी थी ना ही आखिरीl

मुमताज शाहजहाँ की सात बीबियों में चौथी थीl इसका मतलब है कि शाहजहाँ ने मुमताज से पहले 3 शादियाँ कर रखी थी और, मुमताज से शादी करने के बाद भी उसका मन नहीं भरा तथा उसके बाद भी उस ने 3 शादियाँ और की यहाँ तक कि मुमताज के मरने के एक हफ्ते के अन्दर ही उसकी बहन फरजाना से शादी कर ली थीl जिसे उसने रखैल बना कर रखा हुआ था जिससे शादी करने से पहले ही शाहजहाँ को एक बेटा भी थाl तो ऐसे में ये सवाल उठाना लाज़मी ही हैं कि अगर शाहजहाँ को मुमताज से इतना ही प्यार था तो मुमताज से शादी के बाद भी शाहजहाँ ने 3 और शादियाँ क्यों की….??

आपको बता दें कि शाहजहाँ की सातों पत्नियों में सबसे सुन्दर मुमताज नहीं बल्कि इशरत बानो थी जो कि उसकी पहली पत्नी थीl उस से भी घिनौना तथ्य यह है कि शाहजहाँ से शादी करते समय मुमताज कोई कुंवारी लड़की नहीं थी बल्कि वो पहले से शादीशुदा थी और, उसका पति शाहजहाँ की सेना में सूबेदार था जिसका नाम “शेर अफगान खान” थाl शाहजहाँ ने शेर अफगान खान की हत्या कर मुमताज से जबरन शादी की थीl

आगे पढ़ें शाहजहाँ अपनी बेटी के साथ भी करता था सेक्स…

मुमताज की मौत के बाद शाहजहाँ अपनी सगी बेटी जहाँआरा के साथ किया करता था सेक्स 

आपको बता दें कि 38 वर्षीय मुमताज की मौत कोई बीमारी या एक्सीडेंट से नहीं बल्कि चौदहवें बच्चे को जन्म देने के दौरान अत्यधिक कमजोरी के कारण हुई थीl यानी शाहजहाँ ने उसे बच्चे पैदा करने की मशीन ही नहीं बल्कि फैक्ट्री बनाकर मार डालाl शाहजहाँ में सेक्स की भूख इतनी थी कि वे अपनी यौन भूख के लिए बहुत कुख्यात था, जिसके चलते ही कई इतिहासकारों ने उसे उसकी अपनी सगी बेटी जहाँआरा के साथ स्वयं सम्भोग करने का दोषी माना है क्योंकि शाहजहाँ और मुमताज महल की बड़ी बेटी जहाँआरा बिल्कुल अपनी माँ की तरह ही लगती थीl

चुकी जहाँआरा हुबहू अपनी माँ मुमताज की तरह दिखती थी इसलिए मुमताज की मृत्यु के बाद उसकी याद में लम्पट शाहजहाँ ने अपनी ही बेटी जहाँआरा को फंसाकर उसके साथ सेक्स करना शुरू कर दिया थाl

इतिहासकारों की माने तो जहाँआरा को शाहजहाँ इतना प्यार करता था कि अपनी यौन इच्छाओं की पूर्ति के लिए उसने उसका निकाह तक होने न दिया थाl बाप-बेटी के इस नाजायज़ प्यार को देखकर जब महल में चर्चा शुरू हुई, तो मुल्ला-मौलवियों की एक बैठक बुलाई गयी और उन्होंने इस पाप को जायज ठहराने के लिए एक हदीस का उद्धरण दिया और कहा कि “माली को अपने द्वारा लगाये पेड़का फल खाने का हक़ हैl”

आगे पढ़ें शाहजहाँ ने हिन्दुओं के शिव मंदिर के ऊपर बनाया था ताजमहल जो आज भी…

हिन्दुओं को गुमराह करने के लिए शाहजहाँ ने महाराज जय सिंह द्वारा बनाये गये भगवान शिव के मंदिर “तेजो महालय” की जगह बनाया था ताज महल 

शाहजहाँ अपनी बेटी के साथ सेक्स का इस कदर आदि हो गया था कि वो जहाँआरा के किसी भी आशिक को उसके पास फटकने भी नहीं देता थाl दरअसल अकबर ने यह नियम बना दिया था, की मुगलिया खानदान की बेटियों की शादी नहीं होगीl इतिहासकार इसके लिए कई कारण बताते हैंl इसका परिणाम यह होता था कि मुग़ल खानदान की लड़कियां अपनी जिस्मानी भूख मिटाने के लिए अवैध तरीके से दरबारी, नौकर के साथ-साथ, रिश्तेदार यहाँ तक की सगे सम्बन्धियों का भी सहारा लेती थीl

जहाँआरा अपने लम्पट बाप के लिए लड़कियाँ भी फंसाकर लाती थीl जहाँआरा की मदद से शाहजहाँ ने मुमताज के भाई शाइस्ता खान की बीबी से कई बार बलात्कार किया थाl शाहजहाँ के राजज्योतिष की 13 वर्षीय ब्राह्मण लडकी को जहाँआरा ने अपने महल में बुलाकर धोखे से नशीला पदार्थ खिला कर अपने बाप के हवाले कर दिया था जिससे शाहजहाँ ने 58 वें वर्ष में उस 13 बर्ष की ब्राह्मण कन्या से निकाह किया थाl बाद में इसी ब्राहम्ण कन्या ने शाहजहाँ के कैद होने के बाद औरंगजेब से बचने और एक बार फिर से हवस की सामग्री बनने से खुद को बचाने के लिए अपने ही हाथों अपने चेहरे पर तेजाब डाल लिया थाl

तो ऐसे में ये सवाल उठाना लाज़मी ही है कि क्या ऐसे वहशी और क्रूर व्यक्ति की अय्याशी की कसमें खाकर लोग अपने प्यार की बे-इज्जत नही करते हैं..?? दरअसल ताजमहल और प्यार की कहानी इसीलिए गढ़ी गयी है कि लोगों को गुमराह किया जा सके और लोगों खास कर हिन्दुओं से छुपायी जा सके कि ताजमहल कोई प्यार की निशानी नहीं बल्कि महाराज जय सिंह द्वारा बनवाया गया भगवान् शिव का मंदिर “तेजो महालय” है….!

आपको सुनकर शायद झटका लगे कि इसको प्रमाणित करने के लिए डा० सुब्रहमण्यम स्वामी आज भी सुप्रीम कोर्ट में सत्य की लड़ाई लड़ रहे हैंl असलियत में मुगल इस देश में धर्मान्तरण, लूट-खसोट और अय्याशी ही करते रहे परन्तु देश के कुछ बेईमान नेताओं के आदेश पर हमारे इतिहासकारों नें इन्हें जबरदस्ती महान बनाया है, और ये सब हुआ झूठी धर्म निरपेक्षता के नाम परl

 

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