औरंगजेब की बेटी जैबुन्निसा बेगम और भतीजी ताज बेगम महान कृष्ण भक्त हुई हैं,
इन्होने कुरान पढ़ा तो इनका मन वितृष्णा से भर गया उन्होंने जब कुरान में पढ़ा कि
इसी तरह की स्थितियों ने तत्कालीन मुस्लिम बुद्धिजीवियों में कुरान के प्रति वितृष्णा भर दी…
1 -गैर मुसलमानों पर रौब डालो ,और उनके सर काट डालो .
काफिरों पर हमेशा रौब डालते रहो .और मौक़ा मिलकर सर काट दो .सूरा अनफाल -8 :112
2 -काफिरों को फिरौती लेकर छोड़ दो या क़त्ल कर दो .
‘मुशरिक जहां भी मिलें ,उनको क़त्ल कर देना ,उनकी घात में चुप कर बैठे रहना .जब तक वह मुसलमान नहीं होते सूरा तौबा -9 :5
4 -हरदम लड़ाई की तयारी में लगे रहो .
“तुम हमेशा अपनी संख्या और ताकत इकट्ठी करते रहो.ताकि लोग तुमसे भयभीत रहें .जिनके बारेमे तुम नहीं जानते समझ लो वह भी तुम्हारे दुश्मन ही हैं .अलाह की राह में तुम जो भी खर्च करोगे उसका बदला जरुर मिलेगा .सूरा अन फाल-8 :60
5 -लूट का माल हलाल समझ कर खाओ .
“तुम्हें जो भी लूट में माले -गनीमत मिले उसे हलाल समझ कर खाओ ,और अपने परिवार को खिलाओ .सूरा अन फाल-8 :69
6 -छोटी बच्ची से भी शादी कर लो .
“अगर तुम्हें कोई ऎसी स्त्री नहीं मिले जो मासिक से निवृत्त हो चुकी हो ,तो ऎसी बालिका से शादी कर लो जो अभी छोटी हो और अबतक रजस्वला नही हो .सूरा अत तलाक -65 :4
7 -जो भी औरत कब्जे में आये उससे सम्भोग कर लो.
“जो लौंडी तुम्हारे कब्जे या हिस्से में आये उस से सम्भोग कर लो.यह तुम्हारे लिए वैध है.जिनको तुमने माल देकर खरीदा है ,उनके साथ जीवन का आनंद उठाओ.इस से तुम पर कोई गुनाह नहीं होगा .सूरा अन निसा -4 :3 और 4 :24
8 -जिसको अपनी माँ मानते हो ,उस से भी शादी कर लो .
“इनको तुम अपनी माँ मानते हो ,उन से भी शादी कर सकते हो .मान तो वह हैं जिन्होंने तुम्हें जन्म दिया .सूरा अल मुजादिला 58 :2
9 -पकड़ी गई ,लूटी गयीं मजबूर लौंडियाँ तुम्हारे लिए हलाल हैं .
“हमने तुम्हारे लिए वह वह औरते -लौंडियाँ हलाल करदी हैं ,जिनको अलाह ने तुम्हें लूट में दिया हो .सूरा अल अह्जाब -33 :50
10 -बलात्कार की पीड़ित महिला पहले चार गवाह लाये .
“यदि पीड़ित औरत अपने पक्ष में चार गवाह न ला सके तो वह अलाह की नजर में झूठ होगा .सूरा अन नूर -24 :१३
11 -लूट में मिले माल में पांचवां हिस्सा मुहम्मद का होगा .
“तुम्हें लूट में जो भी माले गनीमत मिले ,उसमे पांचवां हिस्सा रसूल का होगा .सूरा अन फाल- 8 :40
12 -इतनी लड़ाई करो कि दुनियामे सिर्फ इस्लाम ही बाकी रहे .
“यहांतक लड़ते रहो ,जब तक दुनिया से सारे धर्मों का नामोनिशान मिट जाये .केवल अल्लाह का धर्म बाक़ी रहे.सूरा अन फाल-8 :39
13 -अवसर आने पर अपने वादे से मुकर जाओ .
“मौक़ा पड़ने पर तुम अपना वादा तोड़ दो ,अगर तुमने अलाह की कसम तोड़ दी ,तो इसका प्रायश्चित यह है कि तुम किसी मोहताज को औसत दर्जे का साधारण सा खाना खिला दो .सूरा अल मायदा -5 :89
14 – इस्लाम छोड़ने की भारी सजा दी जायेगी .
“यदि किसी ने इस्लाम लेने के बाद कुफ्र किया यानी वापस अपना धर्म स्वीकार किया तो उसको भारी यातना दो .सूरा अन नहल -16 :106
15 – जो मुहम्मद का आदर न करे उसे भारी यातना दो
“जो अल्लाह के रसूल की बात न माने ,उसका आदर न करे,उसको अपमानजनक यातनाएं दो .सूरा अल अहजाब -33 :57
16 -मुसलमान अल्लाह के खरीदे हुए हत्यारे हैं .
“अल्लाह ने ईमान वालों के प्राण खरीद रखे हैं ,इसलिए वह लड़ाई में क़त्ल करते हैं और क़त्ल होते हैं .अल्लाह ने उनके लिए जन्नत में पक्का वादा किया है .अल्लाह के अलावा कौन है जो ऐसा वादा कर सके .सूरा अत तौबा -9 :111
17 -जो अल्लाह के लिए युद्ध नहीं करेगा ,जहन्नम में जाएगा .
“अल्लाह की राह में युद्ध से रोकना रक्तपात से बढ़कर अपराध है.जो युद्ध से रोकेंगे वह वह जहन्नम में पड़ने वाले हैं और वे उसमे सदैव के लिए रहेंगे .सूरा अल बकरा -2 :217
18 -जो अल्लाह की राह में हिजरत न करे उसे क़त्ल करदो
जो अल्लाह कि राह में हिजरत न करे और फिर जाए ,तो उसे जहां पाओ ,पकड़ो ,और क़त्ल कर दो .सूरा अन निसा -4 :89
19 -अपनी औरतों को पीटो.
“अगर तुम्हारी औरतें नहीं मानें तो पहले उनको बिस्तर पर छोड़ दो ,फिर उनको पीटो ,और मारो सूरा अन निसा – 4 :34
20 -काफिरों के साथ चाल चलो .
“मैं एक चाल चल रहा हूँ तुम काफिरों को कुछ देर के लिए छूट देदो .ताकि वह धोखे में रहें अत ता.सूरा रिक -86 :16 ,17
21 -अधेड़ औरतें अपने कपडे उतार कर रहें .
“जो औरतें अपनी जवानी के दिन गुजार चुकी हैं और जब उनकी शादी की कोई आशा नहीं हो ,तो अगर वह अपने कपडे उतार कर रख दें तो इसके लिए उन पर कोई गुनाह नहीं होगा .सूरा अन नूर -24 :60
और इतना गंदा हिंसा, बलात्कार, मानवता विरोधी कुरान को उठाकर फेंक दिया.. और वे
हिंदुत्व की ओर उन्मुख हुई तो भगवन कृष्ण दिखाई पड़े.. खुद ही देखिये कितना सुन्दर पद कहा गया है ..
सुनों दिल जानी मेरे दिल की कहानी तुम,दस्त ही बिकानी बदनामी भी सहूँगी मैं|देवपूजा ठानी, मैं नमाज हूँ भुलानी, तजे कलमा कुरान सांडे गुनानी गहूंगी मैं|नन्द के कुमार कुर्बान तेरी सूरत पै,हौं तो मुगलानी हिन्दुआनि ह्वैं रहूंगी मैं||