हमारे गृहस्थ जीवन के बारे में भारतीय प्राचीन शास्त्रों बहुत से सुझाव लिखे गये है| हर काम को करने के नतीजों के बारे में बताया गया है, फिर वो चाहे अच्छे कर्म हो या बुरे, अच्छे कर्मो का नतीज़ा हमेशा ही अच्छा होता है वही बुरे कर्मों के बुरे नतीजे भी लोगो को भुगतने पड़ते है। शास्त्रों के अनुसार किसी पराई स्त्री के साथ सम्भोग करना पाप माना जाता है, और ऐसे इंसान को सीधे नर्क में जाना पड़ता है। वही किसी स्त्री के ऊपर बुरी नज़र रखने वाले, किसी पराई स्त्री के साथ संभोग का सोचने वाले लोगो को भी नर्क में ही जगह दी जाती है।
जो लोग धर्म, देवता और पितरों का अपमान करते है ऐसे व्यक्ति पापी, मूर्छित कहलाते है और ये लोग नर्क में जाते है।नर्क में लोगो को अपने-अपने कुकर्मों के अनुसार दंडित किया जाता है और उस नर्क को झेलने की अवधि भी उसके किये गए पाप के अनुसार ही तय होती है। गरुड़ पुराण में कहा गया है कि जो व्यक्ति मर्यादा की रेखा पार करके परस्त्री अथवा परपुरुष से संबंध बनाता है उसके लिए यमराज ने बड़ा ही कठोर दंड निर्धारित किया है। ऐसे स्त्री और पुरुष की जीवात्मा को दहकते लोहे के खंभे का आलिंगन करवा जाता है। इससे जीवात्मा का शरीर जल जाता है। जीवात्मा उस क्षण को याद करके रोता है जब उसने अवैध संबंध बनाया था। इससे भी यमराज के दूतों के हृदय नहीं पिघलता हैं और बार बार दहकते लौह स्तंभ का आलिंगन करवाते हैं।
आगे जानिये मनुस्मृति के अनुसार गुरुपत्नी के साथ सम्बन्ध बनाने से क्या मिलती है सजा
मनुस्मृति में बताया गया है कि मनुष्य को संयम से काम लेना चाहिए और परस्त्री संबंध से बचना चाहिए। मनु स्मृति में यह भी बताया गया है कि जो व्यक्ति काम भावना के वशीभूत होकर गुरु पत्नी से संबंध जोड़ता है उसके परलोक में उसके सिर पर योनि का चिन्ह बना दिया जाएगा। यह चिन्ह अगले जन्म में व्यक्ति के सिर पर नजर आएगा।
आग में लाल हुई स्त्री की मूर्ति का आलिंगन करना होगा जब तक व्यक्ति को अग्नि शुद्घ नहीं कर देती। ऐसे व्यक्ति के लिए तीसरी सजा यह है कि उसे अपने लिंग और अंडकोष को अपने हाथों से काटकर दक्षिण पश्चिम दिशा में चलना होगा जब तक उसकी मृत्यु नहीं हो जाती है।
आगे पढ़िए क्या होता है उनका जो बनाते है अपने गोत्र में सम्बन्ध
कुंवारी अथवा अल्पायु कन्या से संबंध की सजा गरूड़ पुराण में बताया गया है कि जो स्त्री अपने पति को छोड़कर दूसरे पुरूषों से संबंध स्थापित करती हैँ, उन्हेँ यमलोक में दहकते लोहे का आलिंगन कराया जाता है। पाप की सजा पूरी होने पर ऎसी स्त्री चमगादड़, छिपकली अथवा दो मुंहा सांप के रूप में जन्म लेती हैँ।
जो पुरूष अपने गोत्र की स्त्री से संबंध बनाता है, उसे लकड़बघ्घा अथवा शाही के रूप में जन्म लेना पड़ता है। कुंवारी अथवा अल्पायु कन्या से संबंध बनाने वाले को नर्क की घोर यातना सहने के बाद अजगर योनी में आकर जन्म लेना पड़ता है। जो व्यक्ति काम भावना से पीड़ित होकर गुरू की पत्नी का मान भंग करता है, ऐसा व्यक्ति वर्षों तक नर्क की यातना सहने के बाद गिरगिट की योनी में जन्म लेता है। मित्र के साथ विश्वासघात करके उसके पत्नी से संबंध बनाने वाले को यमराज गधा की योनी में जन्म देते हैं।
अगली स्लाइड्स में चित्रों के माध्यम से देखिये गरुड़ पुराण के अनुसार कौनसे पाप के लिए कौनसी सज़ा है..
#1 Tamisra तमिसरा [Heavy flogging]
जो व्यक्ति दूसरों के धन ,स्त्री और पुत्र का अपहरण करता है, उस दुरात्मा को तामिस्र नामक नरक में यातना भोगनी पड़ती है। इसमें यमदूत उसे अनेक प्रकार का दण्ड देते हैं । उन्हें गरुड़ पुराण के अनुसार घोड़ो के द्वारा चलाये जाने वाले हथियार “गडा ” से कुचला जाता है
#2 अन्ध्तामिसरा AndhTamisara
जो पुरूष किसी के साथ विश्वासघात कर उसकी स्त्री से समागम करता है, उसे अंधतामिस्र नरक में घोर यातना भोगनी पड़ती है।इस नरक में वह नेत्रहीन हो जाता है।शादी के बाद पति या पत्नी को धोखा देने वाले को अचेत हालत में नरक कुण्ड में डाल दिया जात है
#3 रोरवा Rourava
दुसरो के परिवार को ख़त्म करने या दुखी करने वाले को यमदूतो के द्वारा जननांगो पर चोट मारी जाती है
#4 महारौरव Maharaurava
इस नरक में माँस खाने वाले रूरू जीव दूसरे जीवों के प्रति हिंसा करने वाले प्राणियों को पीड़ा देते हैं ।दुसरो की सम्पति हडपने वाले को जंगली जानवरों से प्रताड़ित किया जाता है
#5 कुम्भीपाक Kumbhipakam
पशु-पक्षी आदि जीवों को मार कर पकाने वाला मनुष्य कुम्भीपाक नरक में गिरता है। यहाँ यमदूत उसे गरम तेल में उबालते हैं। भोजन के लिए मासूम लोगो की जान लेने वाले को यमदूतो के द्वारा गर्म तेल की कढ़ाही में तला जाता है इस सजा को आपने अपरिचित फिल्म में भी देख चुके होंगे |
#6 असिपत्र Asipatram
वेदों के बताए मार्ग से हट कर पाखण्ड का आश्रय लेने वाले मनुष्य को असिपत्र नामक नरक में कोड़ों से मारकर दुधारी तलवार से उसके शरीर को छेदा जाता है।
#7 शूकरमुख
अधर्मपूर्ण जीवनयापन करने वाले या किसी को शारीरिक कष्ट देने वाले मनुष्य को शूकरमुख नरक मे गिराकर ईख के समान कोल्हू में पीसा जाता है।
#8 अंधकूप
दूसरे के दुःख को जानते हुए भी कष्ट पहुचाने वाले व्यक्ति को अंधकूप नरक में गिरना पड़ता है। यहाँ सर्प आदि विषैले और भयंकर जीव उसका खून पीते हैं।
#9 संदंश
धन चुराने या जबरदस्ती छीनने वाले प्राणी को संदंश नामक नरक में गिरना पड़ता है। जहाँ उसे अग्नि के समान संतप्त लोहे के पिण्डों से दागा जाता है।
#10 तप्तसूर्मि
जो व्यक्ति जबरन किसी स्त्री से समागम करता है, उसे तप्तसूर्मि नामक नरक में कोड़े से पीटकर लोहे की तप्त खंभों से आलिंगन करवाया जाता है।
#11 शाल्मली
जो पापी व्यक्ति पशु आदि प्राणियों से व्यभिचार करता है, उसे शाल्मली नामक नरक में गिरकर लोहे के काँटों के बीच पिसकर अपने कर्मों का फ़ल भोगना पड़ता है।
#12 वैतरणी
धर्म का पालन न करने वाले प्राणी को वैतरणी नामक नरक में रक्त, हड्डी, नख, चर्बी, माँस आदि अपवित्र वस्तुओं से भरी नदी में फेंक दिया जाता है।
#13 प्राणरोध
मूक प्राणियों का शिकार करने वाले लोगों को प्राणरोध नामक नरक में तीखे बाणों से छेदा जाता है।
#14 विशसन
जो मनुष्य यज्ञ में पशु की बलि देतें हैं, उन्हें विशसन नामक नरक में कोड़ों से पीटा जाता है।
#15 लालाभक्ष
कामावेग के वशीभूत होकर सगोत्र स्त्री के साथ समागम करने वाले पापी व्यक्ति को लालाभक्ष नरक में रहकर वीर्यपान करना पड़ता है।
#16 सारमेयादन
धन लूटने वाले अथवा दूसरे की सम्पत्ति को नष्ट करने वाले को व्यक्ति को सारमेयादन नरक में गिरना पड़ता है। जहाँ सारमेय नामक विचित्र प्राणी उसे काट-काट कर खाते हैं।
#17 अवीचि
दान एवं धन के लेन-देन में साक्षी बनकर झूठी गवाही देने वाले व्यक्ति को अवीचि नरक में, पर्वत से पथरीली भूमि पर गिराया जाता है; और पत्थरों से छेदा जाता है।
#18 अयःपान:
मदिरापान करने वाले मनुष्य को अयःपान नामक नरक में गिराकर गर्म लोहे की सलाखों से उसके मुँह को छेदा जाता है।
#19 पंरिमुखम :–
मासूम लोगो को बिना कानूनी प्रक्रिया से सजा देने वाले को सूअर जैसे जानवर के दातो टेल छोड़ दिया जाता है
#20 क्षारकर्दम:
अपने से श्रेष्ठ पुरूषों का सम्मान न करने वाला व्यक्ति क्षारकर्दम नामक नरक में असंख्य पीड़ाएँ भोगता है।
#21 शूलप्रोत:
पशु-पक्षियों को मारकर अथवा शूल चुभोकर मनोरंजन करने वाले मनुष्य को शूलप्रोत नामक नरक में शूल चुभाए जाते हैं। कौए और बटेर उसके शरीर को अपनें चोंचों से छेदते हैं।
#22 कालासुथिरा
भूख से पीड़ित अपने माता पिता और परिवार को प्रताड़ित करने को भी तेल में ही तला जाता है
#23 अवटनिरोधन:
किसी को बंदी बनाकर, उसे अंधेरे स्थान पर रखने वाले व्यक्ति को अवटनिरोधन नामक नरक में रखकर विषैली अग्नि के धुएँ से कष्ट पहुँचाया जाता है।
#24 पर्यावर्तन:
घर आए अतिथियों को पापी दृष्टि से देखने वाले व्यक्ति को पर्यावर्तन नामक नरक में रखा जाता है।जहाँ कौए, गिद्ध, चील, आदि क्रूर पक्षी अपनी तीखी चोंचों से उसके नेत्र निकाल लेते हैं।
#25 असितपत्र्म
:– जो अपने धार्मिक कर्म को ढंग से नहीं निभाते उनको बुरी आत्माओ से डराया जाता है
#26 सूचीमुख:
सदा धन संग्रह में लगे रहने वाले और दूसरों की उन्नति देखकर ईर्ष्या करने वाले मनुष्य को सूचीमुख नरक में यमदूत सूई से वस्त्र की भाँति सिल देते हैं।
#27 कालसूत्र:
पिता और ब्राह्मण से वैर करने वाले मनुष्य को इस नरक में कोड़ों से मारा जाता है; और दुधारी तलवार से छेदा जाता है।