11 मार्च को यूपी विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद “यूपी का सीएम कौन बनेगा”? यह सबसे बड़े सवाल की दौड़ में आगे निकलता दिखाई दिया लेकिन 18 मार्च को जब यूपी के सीएम के तौर पर गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ का नाम सामने आया तब एक और नया सवाल खड़ा हो गया
कि योगी आदित्यनाथ आखिरकार किसकी पंसद हैं?प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ,राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह या फ़िर राष्ट्रीय संघ के प्रमुख मोहन भागवत की? मीडिया में अभी भी यह मामला एक चर्चा का विषय बना हुआ है
कि जब प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह गाजीपुर से सांसद मनोज सिन्हा को सीएम बनाना चाहते थे तो ऐसा क्या हुआ कि आखिरी वक्त में किसी एक का फ़ोन आ जानें से योगी आदित्यनाथ को सीएम बना दिया गया। वहीँ राजनीतिक पत्रकारों का दावा है
कि योगी आदित्यनाथ अमित शाह की पसंद हैं और इस पसंद की भी अपनी अहम वजह है, जिसे जानकार हर किसी को योगी आदित्यनाथ पर गर्व होगा |आपको बता दें कि एक सर्वे के हिसाब से योगी आदित्यनाथ पीएम मोदी के बाद दूसरे सबसे लोकप्रिय भाजपा नेता के तौर पर सामने आए हैं।
उनके मुख्यमंत्री बनाए जाने के पीछे भी इस सर्वे का बहुत बड़ा हाथ रहा है। सूत्रों की मानें तो अमित शाह योगी आदित्यनाथ की संगठन क्षमता, जमीन पर पकड़ और लोकप्रियता से बेहद प्रभावित थे। बता दें साल 2013 में अमित शाह के साथ यूपी में एक घटना हुई थी.
जिसने अमित शाह के मन में गहरा असर डाला था| साल 2013 में योगी को महासचिव बनाते हुए उत्तर प्रदेश का प्रभार सौंपा गया था। तभी इसी दौरान एक बार जब अमित शाह गोरखपुर जा रहे थे तो रास्ते में एक जगह कुछ गांववाले उग्र विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
उस समय शाह के पास कोई भी सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी। खुद को मुश्किल में देख शाह ने योगी को फ़ोन किया और मदद की गुहार लगायी जिसके बाद देखते ही देखते कुछ ही मिनटों के अंदर योगी के हिंदू युवा वाहिनी के कई युवक मोटरसाइकिल से वहां पहुंच गए और शाह के लिए रास्ता खुलवा दिया।
तभी से अमित शाह के दिल में योगी आदित्यनाथ के लिए एक अहम जगह है| और शायद उसी का परिणाम है कि योगी को अमित शाह सम्पूर्ण साथ प्राप्त होता है संगठन में l
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