सावधान! संभल कर बनाएं शारीरिक संबंध नहीं तो किन्नर लेगा आपके घर जन्म…

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महान ग्रंथ गर्भ उपनिषद में बताया गया है कि किस प्रकार से मां के गर्भ में शिशु का जन्म होता है

हिन्दू शास्त्रों में मनुष्य के जीवन से जुडे कई रहस्य हैंl जन्म से लेकर मृत्यु तक, हर प्रकार का उल्लेख हिन्दू शास्त्रों एवं ग्रंथों में पाया जाता हैl साइंस ने भले ही वर्षों के बाद जन्म और मृत्यु के रहस्यों को अपने मुताबिक लोगों तक पहुंचाया है, लेकिन यही रहस्य हजारों वर्ष पहले हिन्दू शास्त्रों में खोल दिए गए थेl

सेक्स ऐसी प्रक्रिया है जिसका नाम सुनते ही दुनिया में सभी के दिमाग में खुराफाती कीड़ा जग जाता हैl लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक समय ऐसा भी होता है कि अगर आप उस समय सेक्स करेंगे तो आपको किन्नर पैदा होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैंl ऐसा हम खुद नहीं बोल रहे बल्कि हिन्दू धर्म से जुड़े कुछ उपनिषदों में ऐसा लिखा हुआ हैl

जी हाँ हिन्दू धर्म के अनुसार गर्भ उपनिषद में स्त्री-पुरुष के संबंध बनाने से लेकर किस प्रकार से मां के गर्भ में शिशु का जन्म होता है, कैसे वह समय के साथ विकसित होता है और गर्भ के भीतर 9 महीने तक वह क्या सोचता है, इसके बारे में बताया गया हैl

आज हम आपको ‘गर्भ संस्कार’ में दिए गए कुछ निर्देशों के बारे में बताएंगेl ये ऐसे निर्देश हैं जो बताते हैं कि पति-पत्नी को किस दिन शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिएl आपको बता दें कि महान ग्रंथ गर्भ उपनिषद में यहां तक बताया गया है कि किस प्रकार शारीरिक संबंध बनाने से एक किन्नर की उत्पत्ति होती हैl किन हालातों में मां के गर्भ से एक किन्नर का जन्म होता है, इस बात के रहस्य को गर्भ उपनिषद में उजागर किया गया हैl

मंगलवार का दिन संतान प्राप्ति के लिए माना गया है बेहद अशुभ

आज हम आपको बतायेगे कि यदि पति-पत्नी संतान प्राप्ति के लिए संभोग कर रहे हैं, तो उन्हें किन दिनों एक-दूसरे से दूर रहते हुए सेक्स करने से परहेज करना चाहिए, इसके बारे में गर्भ संस्कार में पूरी जानकारी विस्तार में प्रदान की गई हैl इतना ही नहीं गर्भ संस्कार के अनुसार जहां शुभ दिन पर एक स्त्री यदि गर्भधारण करे, तो आने वाली संतान भी मानसिक एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ एवं गुणी होती है तो वहीं अशुभ दिनों पर अगर कोई गर्भधारण करने से सभी अशुभ ग्रहों का असर होने वाली संतान पर होता है और फिर पैदा होने के बाद ऐसी संतान एक के बाद एक परेशानियां खड़ी करती हैl

तो चलिए आपको सबसे पहले बताते हैं कि अगर पति-पत्नी संतान प्राप्ति के लिए एक-दूसरे के साथ संबंध बनाने की सोच रहे हैं, तो वे कौन से दिन हैं जिस दिन उन्हें यह विचार मन से बिलकुल निकाल देना चाहिएl इन दिनों का स्वामी होता है मंगल, और मंगल अत्यंत क्रोधी एवं विनाशकारी ग्रह माना जाता हैl इसलिए शास्त्रों के अनुसार इस दिन कोई भी शुभ कार्य करने की मनाही होती हैl

गर्भ संस्कार के अनुसार मंगलवार का दिन गर्भधारण के लिए बेहद अशुभ हैl यदि इस दिन स्त्री गर्भधारण कर ले, तो होने वाली संतान बेहद क्रोधी और घमंडी होती हैl मंगल ग्रह के प्रभाव में जन्मे बच्चे किसी की बात नहीं सुनते, केवल अपने मन मुताबिक कार्य करते हैं, इन बच्चों के स्वभाव में ही हिंसा होती है जिसके चलते ये सभी को परेशान भी करते हैl

 

जहां शनिवार, रविवार का दिन होता है संतान प्राप्ति के लिए अशुभ तो वहीं  हफ्ते के 4 दिन होते हैं गर्भ धारण करने के लिए शुभ 

आपको बता दें कि शनिवार का दिन, शनि ग्रह को समर्पित होता हैl ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि ग्रह, क्रूर एवं पापी ग्रह की श्रेणी में आता हैl इसलिए इस दिन पति-पत्नी का संतान उत्पत्ति के विचार से सेक्स करना अशुभ माना गया हैl इसी के साथ ये भी माना जाता है कि शनि ग्रह के प्रभाव से होने वाली संतान अत्यंत निराशावादी एवं नकारात्मक सोच वाली होती हैl शनि ग्रह कई बार ऐसे बच्चों को ताउम्र रोग भी प्रदान करता हैl

गर्भ संस्कार के अनुसार रविवार के दिन को पूर्ण रूप से भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित माना गया है और ऐसे शुभ दिन पर पति-पत्नी का सेक्स करना ‘पाप’ कहलाता हैl फिर चाहे वह संतान की प्राप्ति के लिए ही क्यों ना हो, इस दिन पति-पत्नी को दूर रहना चाहिएl इसी के चलते पति-पत्नी के सेक्स करने से परहेज की लिस्ट में रविवार का दिन शामिल हैl गर्भ उपनिषद में लिखा गया है कि रविवार के दिन शारीरिक संबंधों से परहेज करते हुए आप सूर्य देव से केवल अच्छी संतान पाने की प्रार्थना कर सकते हैंl किंतु अगर इस दिन यदि स्त्री गर्भधारण कर ले तो सूर्य देव के प्रकोप का सामना करना पड़ सकता हैl जिसके चलते ऐसी संतान क्रोध, ईर्ष्या, स्वभाव में ही हर पल की गर्मी, ऐसे लक्षण वाली होती हैl

हालाँकि सोमवार, बुधवार, बृहस्पतिवार और शुक्रवार का दिन गर्भ संस्कार के अनुसार गर्भधारण के लिए शुभ दिन माना गया हैl इन चार दिनों के गर्भधारण से उत्पन्न हुई संतान गुणी, माता-पिता की आज्ञाकारी, सेहतमंद और मानसिक रूप से तेज होती हैl तो यदि आप सोच लें कि मंगलवार का दिन आधी रात 12 बजे समाप्त हो गया है और इसके बाद गर्भधारण करना उचित होगा, तो यह गलत हैl हिन्दू शास्त्रों द्वारा बताये गये यह नियम हमेशा सेक्स करने के दौरान याद रखने चाहिएl