वैसे हम ये बात किसी से छिपी नही है कि पाकिस्तान हर जगह कश्मीर का राग अलापने लगता है और इसी रिवाज को आगे बढ़ाते हुए उस सार्क सम्मलेन में भी नवाज ने ऐसा ही कुछ किया था, लेकिन उस वक्त उन्हें मुंह की खानी पड़ी l उस सम्मलेन में प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने नवाज शरीफ ने कहा कि चलिए ठीक है हम आपको कश्मीर देने के लिए तैयार हैं। उसके बाद उन्होंने मुस्कराते हुए कहा कि मगर एक शर्त है। शर्त ये है की कश्मीर के साथ आपको भारत मे रह रहे सभी 15 करोड़ मुसलमानों को भी अपने देश में लेना पड़ेगा क्योंकि क्या पता कल को उनके बिना भी आपका मन ना लगे।
बस फिर क्या था, दोस्ती का हाथ बढ़ाकर कश्मीर लेने की तमन्ना रखने वाले पाकिस्तान इतना सुनना था की नवाज शरीफ की बोलती बंद हो गयी, उनके मुंह से अल्फाज ही नहीं निकल रहे थे की क्या कहें। सकपकाते हुए उन्होंने कहा की अरे मेरा कहने का वो मतलब नहीं था। इसके बाद वो चुपचाप पतली गली से निकल लिए और उस सम्मेलन के दौरान उन्होंने दोबारा कश्मीर मुद्दे पर कोई बात ही नहीं की।