अमरनाथ यात्रा के दौरान यात्रियों से भरी बस पर आतंकवादियों द्वारा हमला किया जिसमें 7 श्रद्धालु मारे गये लगभग 19 लोग घायल है | आतकवादी आराम से आये बस का पीछा किया लोगो को मार कर और फरार हो गये| मृतकों के शव और घायलों समेत सभी को सूरत एअरपोर्ट पर वायुसेना के विशेष विमान से पहुँचाया गया| बस मे लगभग 56 लोग सवार थे| जिसमें से ड्राईवर एक दम सुरक्षित है| मीडिया में इस समय सलीम छाया हुआ है| चारो तरफ उसकी तारीफ़ हो रही है और सरकार उसे इनाम देने की घोषणा कर चुकी है|
दरअसल सोशल मीडिया पर इस समय इस बात पर ज्यादा चर्चा की जा रही है कि आतंकवादी हमला बस पर हुआ और सामने से किया गया, गालियाँ सामने से चल रही थी बस के ड्राईवर को एक खरोच तक नहीं आई| किसी फ़िल्मी सीन की तरह हीरो बना सलीम लेटकर जम्मू कश्मीर की सड़को पर बस दौड़ता रहा| और आतंकवादियों से बचा लाया पर सलीम को एक खरोच तक नही आई है| सोशल मीडिया पर लोग कह रहे है कि इसमें ड्राईवर की स्थिति संदेह में लग रही है|
सोशल मीडिया के अनुसार,आज सलीम फिर हीरो हो गया जैसा फिल्मों में होता आया है. फिल्मों में अक्सर रहमान चचा और अब्दुल जैसे लोग खास मौकों पर आकर अपने इमान का परिचय देते हैं और इंसानियत के सच्चे सिपाही बन जाते हैं. लेकिन ऐसा सिर्फ फिल्मों में ही होता है, असल जिन्दगी में रहमान, अब्दुल कम बुरहान और इस्माइल जैसे लोग ही दिखाई देते हैं. अमरनाथ यात्रा में हमला हुआ और 7 यात्रियों की जान चली जाती है. लेकिन सोचने वाली बात ये है कि बस के 7 लोग मारे जाते हैं और 19 से ज्यादा लोग घायल हो जाते हैं लेकिन बस ड्राईवर सलीम सुरक्षित है उसे कोई चोट नही. यहीं नही सलीम का कहना है कि जब आतंकी गोली चलाने लगे तो वो झुककर बस चलाने लगा जिससे उसे कुछ नही हुआ, अब जरा आप सोचिये कि अमरनाथ जाने के लिए जो सड़क है वहां झुककर गाड़ी चला सकते हैं ? और इतनी खाई के बावजूद ?
अमरनाथ जाने के लिए बस का रजिस्टर्ड होना अनिवार्य है इन्होने बस को भी रजिस्टर्ड नही करवाया था| शाम 6 बजे के बाद बस को उस रूट पर चलने पर प्रतिबन्ध है तो बस आखिर उस समय क्यों चल रही थी| अगर बस काफिले के साथ थी तो बस पंचर होने की स्थिति में किसी को बताया क्यों नही? अगर बस पंचर होने से देरी हो रही थी तो पुलिस को जानकारी क्यों नही दी गयी| ऐसे कई सवालों के साथ सोशल मीडिया पर उठाये जा रहे है जो आपको सलीम के बारे में सोचने पर मजबूर कर देंगे|
फ़िलहाल हालत ये है की सलीम को हीरो बताकर मीडिया पेश कर रही है और अब तो गुजरात सरकार उसका नाम वीरता पुरस्कार के लिए भेजेगी. लेकिन जाँच कर रहे कुछ अधिकारीयों का कहना है कि बस ड्राइवर सलीम ने ‘गैर जिम्मेदार’ रवैया अपनाते हुए रात में बिना सिक्यॉरिटी कवर गाड़ी चलाने का फैसला किया। जिसके लिए उस पर कार्यवाही तय मानी जा रही है|