पाकिस्तान में हिन्दुओं के कई प्राचीन मंदिर स्तिथ है जिनमे से कइयों का पौराणिक व ऐतिहासिक महत्तव भी है। लेकिन बड़े अफ़सोस की बात यह है कि यह सभी मंदिर पाकिस्तान सरकार की उपेक्षा का शिकार हो रहे है। वहीँ आज जहाँ हमारे पूरे भारत में सावन का महिना शुरू हो चुका है तो लोगों के अन्दर अलग ही भक्ति भाव देखने को मिल रही है. सावन एक ऐसा महिना है जिसमें हर हिन्दू की आस्था महादेव के लिए जाग उठती है, ज़रूरी नहीं है कि भारत में ही लोग महादेव के दिवाने हैं बल्कि महादेव को तो विदेशों तक में पूजा जाता है. लेकिन आज मै उस भक्त से आपको मिलवाने जा रही हूँ जिसके बारे में जानकर आपको उसकी आस्था पर नहीं होगा यकीन…
जी हाँ आज इस पावन अवसर पर पाकिस्तान के एक शिव मंदिर में मुसलमानों ने भी शिव मंदिर में फूल और प्रसाद चढ़ाकर महादेव की पूजा अर्चना की है, ये नजराना देखने लायक था क्योंकि ये लोग अपनी नफरत को दूर करते हुए एकता का संकेत दे रहे थे. आपको बता दें कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चकवाल में ये मंदिर है जहाँ इन मुस्लिम लोगों नें आज सुबह हिंदुओं के साथ मिलकर महादेव की पूजा की।
कहते हैं कि इस मंदिर में एक ऐसा तालाब है जहाँ की मान्यता है कि जब माता सती ने भगवान शिव के लिए अपने प्राण त्यागे थे तो भगवान् शिव को इतना दुख था कि उनके वियोग में महादेव ने अपने आसुओं की नदी बहा दी थी जिसनें बाद में तालाब का रूप ले लिया था…
हिंदू धर्म को मानने वाले इस तालाब के पानी को पवित्र मानते हैं और हर साल देश और विदेश दुनिया भर से हिंदू श्रद्धालु यहां आते हैं। साल 2005 में पंजाब की प्रांतीय सरकार ने इस मंदिर परिसर की मरम्मत का फ़ैसला किया था और साथ ही बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने अपनी पाकिस्तान यात्रा के दौरान इस मंदिर परिसर के रख-रखाव के काम का उदघाटन भी किया था।