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योग की कक्षाओं में ज़्यादातर लोगों को इस बात की चिंता रहती है कि क्या वो सही ढंग से सांस ले रहे हैं या क्या उनके पैर सही दिशा में हैं.लेकिन कुछ लोग इस कश्मकश में रहते हैं कि क्या उन्हें इन कक्षाओं में आना चाहिए या कहीं इससे उनका धर्म तो भ्रष्ट नहीं हो रहा है?
अमरीका में रहने वाली एक मुस्लिम महिला फ़रीदा हमज़ा ने योग शिक्षक बनने का फ़ैसला किया और वो पिछले दो या तीन साल से योग कर रही हैं.वह बताती हैं, “जब मैंने अपने परिवार और कुछ दोस्तों को इस बारे में बताया, तो उनकी प्रतिक्रिया सकारात्मक नहीं थी. वो काफी हैरान थे कि आख़िर मैं ये क्यों करने जा रही हूं, क्योंकि हो सकता है कि यह इस्लाम के ख़िलाफ़ हो.”
आगे जानिये दुसरे देशो में क्या माहोल है योग को लेकर
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