शर्मनाक -NDTV के रिपोर्टर रविश कुमार की बहन नीता कुमारी फंसी ये गन्दा काम करते हुए … जानिए पूरी खबर…

रविश की बहन नीता को किया गया बर्खास्त ...

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NDTV पत्रकार रविश कुमार को कौन नही जानता ये वही पत्रकार हैं जो अपने चैनल में जात पूछते हैं। आलम ये है कि रविश कुमार के परिवार के सदस्यों की काली करतूत एक एक करके बाहर आरही है। पहले भाई सेक्स स्केंडल में फंसा अब बहन किसी और काम में फंस गई है। दरअसल रविश कुमार की बहन नीता कुमारी एक बड़े भ्रष्टाचार में फंस गई है। रविश के भाई पर भी काफी घिनोने इलज़ाम है अब उनके बहन भी इस लिस्ट में शामिल हो गयी हैं.

भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में अन्वेषन के उपरांत निलंबित होने से पूर्व, श्रीमती नीता कुमारी पाण्डेय बिहार के मुजफ्फरपुर जनपद के सर्व शिक्षा अभियान की जिला कार्यक्रम पदाधिकारी थी। यह संवाददाता से अब पत्रकारिता के दार्शनिक बने श्री रवीश कुमार (एनडीटीवी) की बहन है। महीनों पूर्व, जब मुजफ्फरपुर जनपद के एक राजकीय मध्य विद्यालय में भवन-निर्माण में हुआ भयंकर भ्रष्टाचार पर मैंने कार्य प्रारम्भ किया था, तब लोक शिकायत निवारण कार्यालय को जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, सर्व शिक्षा अभियान, मुजफ्फरपुर की भूमिका में दिये अपने प्रतिवेदन में इस महिला ने मेरे समस्त आरोपों को निराधार घोषित कर उक्त विद्यालय भवन के निर्माण को स्तरीय एवं गुणवत्तापूर्ण कहा था।

अधिकार नियमावली की धारा 3 (1) के अनुसार सूचनायें केवल प्रपत्र ‘क’ में ही देय है। बिहार राज्य सूचना का अधिकार नियमावली की धारा 3 (1) नागरिकों की सुविधा हेतु मात्र विभिन्न प्रपत्रों का विवरण ही देती है, जिसमें इन प्रपत्रों की अनिवार्यता का कहीं कोई उल्लेख नहीं है। सर्व शिक्षा अभियान से पूर्व वह जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, स्थापना, मुजफ्फरपुर के पद पर भी नियुक्त थी, धन के ‘सृजन’ तथा ‘वितरण’ में कुशल एवं राजनीतिक प्रभाव के कारण इस भ्रष्ट व कुटिल महिला को सदैव प्रशासन एवं व्यवस्था का संरक्षण मिलता रहा है, जिसके कारण मनोनुकूल पदों पर आसीन होकर यह स्वेच्छाचार में निर्लज्ज होकर लिप्त रही है।

दरअसल केंद्र में मोदी सरकार के आने से पहले तक रवीश कुमार बहुत खुशमिजाज किस्म के पत्रकार हुआ करते थे। तमाम घपलों-घोटालों के बावजूद वो कभी कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ उतने आक्रामक नजर नहीं आते थे, जितने मोदी सरकार के लगभग हर काम को लेकर रहते हैं। खुद उनके साथी पत्रकार दावा करते रहे हैं कि रवीश कुमार को कांग्रेस के भ्रष्टाचार का एक तय हिस्सा मिलता रहा है। खुद करप्शन में डूबे रहने के बावजूद रवीश कुमार ने ईमानदारी का ऐसा चोला ओढ़ा कि बड़े-बड़े लोग गच्चा खा गए। कांग्रेस के अलावा उन्होंने लगभग सभी गैर-बीजेपी पार्टियों के पक्ष में खबरें देने और उनके लिए माहौल बनाने का काम किया है।