ज्योतिष शास्त्र का एक भाग है समुद्रिक शास्त्र। इस शास्त्र में स्त्री-पुरूष के अंगो के आधार पर भविष्यफल कहा गया है। शरीरिक लक्षणों को देखकर महिलाओं के सौभाग्य व दुर्भाग्य के बारें में विस्तृत चर्चा की गई। आपको इसी शास्त्र के माध्यम से बताते है कि स्त्री के भाग्यशाली होने के लक्षण क्या होते है जिस स्त्री के होंठ गुलाबी हो, जीभ लाल हो, वाणी में मधुरता हो। वह स्त्री स्वंय सुख भोगती एंव उसके साथ रहने वाला पुरूष भी सुखी जीवन व्यतीत करता है।
जिन महिलाओं की नाभि गहरी हो और अन्दर से उठी हुई न हो और नाभि पर तिल व मस्सा हो तो उनका जीवन सुखमय व्यतीत होता है। ऐसी महिलायें अपने दम पर मुकाम हासिल करने की कोशिश करती है।3. जिस स्त्री की नाक के अग्र भाग में तिल हो, नासिका की बनावट सुन्दर हो और सूंघने की क्षमता अधिक हो तो वे महिलायें अपने गुणों के कारण पूजी जाती है और उनका जीवन ऐशो-आराम में व्यतीत होता है।