नास्तिक – कई लोग ऐसे भी होतें हैं जो भगवन और धर्म में आस्था नहीं रखतें जिन्हें न तो धर्म से मतलब होता है और नाही देव भक्ति से ऐसा व्यक्ति धर्म और शास्त्रों में विश्वास न होने कि वजह से अधर्मी और पापी हो जाता है झूट बोलना बुरा व्यवहार करना आदि उसका स्वाभाव बन जाता है और खुद का जीवन तो नरक के सामान बनता ही है साथ ही उससे सम्बन्ध रखने वालो का स्वाभाव भी अपने जैसा ही बना देता है ऐसे मनुष्य कि संगती से सदेव दूरी बनाए रखनी चाहिए|
क्रोध करने वाला – अधिक क्रोध करने वाले का व्यवहार दानव के सामान मन जाता है क्रोध करने से मनुष्य हमेशा ही अपना नुकसान करता है कई बार तो वह निंदा और हास्य का भी पात्र बन जाता है ऐसे व्यक्ति को न केवल खुद बल्कि उसके परिजनों को भी हानि पहुँचती है अत: क्रोध करने वालो से कभी मित्रता नहीं करनी चाहिए|