Video: अगर आप भी पूर्ण निवस्त्र होकर नहाते हैं तो श्रीकृष्ण जी के ये वचन आपके लिए हैं…

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श्री कृष्ण के कथन के अनुसार व्यक्ति को नहीं करना चाहिए निर्वस्त्र होकर स्‍नान

हिन्दू धर्म को कभी-कभी परंपरा का नाम भी दिया जाता हैl अब यह धर्म है या एक परंपरा, ये बात पिछले काफी समय से विवाद का विषय रही है और ये विवाद अभी भी बदस्तूर जारी हैl खैर हम किसी भी प्रकार के विवाद में ना पड़ते हुए आपको हिन्दू धर्म ग्रंथों में दर्ज कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जो आपके जीवन को सफल बना सकती हैंl

विभिन्न हिन्दू धर्म ग्रंथों में बहुत सी उपयोगी बातों का जिक्र किया गया है, उन्हीं में से कुछ खास बातें या निर्देश हम आपको बताने जा रहे हैंl

यूं तो स्नान करना हमारे नित्य कर्मों में शुमार है, स्नान करने के बाद ही शरीर शुद्ध होता है और इसके बाद ही व्यक्ति कोई पवित्र या शुभ कार्य करने के लिए स्वतंत्र होता हैl लेकिन पद्मपुराण के अंतर्गत स्नान करने से जुड़े कुछ नियमों का उल्लेख है जो स्वयं श्रीकृष्ण ने अपनी गोपियों से कहे थेl

आपको बता दें कि अगर आप स्नान करते समय अपने शरीर पर तौल‌िया या कोई अन्य वस्‍त्र को लपेटते ही होंगे अगर ऐसा नहीं करते हैं तो आप क‌ितनी बड़ी गलती कर रहे हैं शायद इसका आपको पता भी नहीं होगाl अगर आप यह जान लेंगे क‌ि आख‌िर क्यों न‌िर्वस्‍त्र होकर स्नान नहीं करना चा‌ह‌िए तो आप चाहे बाथरूम में स्‍नान करें या कहीं और आप जरूर कपड़े पहनकर ही स्नान करेंगेl

न‌िर्वस्‍त्र होकर स्‍नान नहीं करने के पीछे होते है कई कारण 

ये देखा गया है कि हम में से अधिकांश व्यक्ति पूर्णत: निर्वस्त्र होकर स्नान करते हैं लेकिन श्रीकृष्ण के अनुसार ऐसा बिलकुल नहीं करना चाहिएl पद्मपुराण के अंतर्गत निर्वस्त्र होकर स्नान करने को निषेध कर्म माना गया हैl आज हम आपको यही बताने वाले है कि दरअसल कपड़े पहनकर नहाने के पीछे क्या कारण हैl

पद्मपुराण में उस घटना का जिक्र है जब नदी में निर्वस्त्र होकर स्नान करने के लिए गोपियां जाती हैं और तब उनके वस्त्र श्रीकृष्ण चुरा लेते हैंl

गोपियां, श्रीकृष्ण से बहुत प्रार्थना करती हैं कि वे उनके वस्त्र उन्हें लौटा दें लेकिन श्रीकृष्ण उन्हें स्वयं जल से बाहर निकलकर वस्त्र लेने के लिए कहते हैंl

इस पर गोपियां उनसे विनम्रता से कहती हैं कि वे नग्ना वस्था में जल से बाहर नहीं आ सकतीं तब श्रीकृष्ण उनसे कहते हैं कि तुम निर्वस्त्र होकर स्नान करने गई ही क्यों थी..?

गोपियों ने उत्तर दिया कि जब वे स्नान करने जा रही थीं तो वहां कोई नहीं थाl श्रीकृष्ण ने उनसे कहा, ऐसा तुम्हें लगता हैl क्योंकि आसमान में उड़ रहे पक्षियों ने तुम्हें नग्नावस्था में देखा, जमीन पर छोटे-छोटे कीड़े-मकोड़ों ने तुम्हें निर्वस्त्र देखा, यही नहीं पानी के जीवों ने और साथ ही स्वयं वरुण देव ने तुम्हें निर्वस्त्र देखा हैl

बता दें कि इस कथन से भगवान श्रीकृष्ण का आशय यह था कि भले ही हमें लगे कि हमें निर्वस्त्र अवस्था में किसी ने नहीं देखा लेकिन वास्तव में ऐसा संभव नहीं होताl

पद्मपुराण में ही नहीं, इस बात का जिक्र गरुण पुराण में भी हैl गरुण पुराण के अनुसार हमारे आसपास हमेशा हमारे पूर्वज रहते हैंl यहां तक कि जब हम निर्वस्त्र स्नान कर रहे होते हैं तो भी हमारे आसपास वो मौजूद होते हैंl

वीडियो में देखिये निर्वस्त्र होकर स्नान करके अनजाने में भी कर रहे हैं ये अपराध…

शरीर से गिरने वाले जल को वो ग्रहण करते हैं, इसी जल से उनकी तृप्ति होती हैl जब हम निर्वस्त्र स्नान करते हैं तो वो अतृप्त रह जाते हैंl ऐसा होने से व्यक्ति का तेज, बल, शौर्य, धन, सुख और क्षमता का नाश होता हैl

यही वजह है कि व्यक्ति को कभी भी निर्वस्त्र अवस्था में स्नान करने से परहेज रखना चाहिएl