मुस्लिम लड़कियां छोड़ने लगी इस्लाम, डरे कट्टरपंथी तीन तलाक पर बड़ा ऐलान

तो तीन तलाक का मुद्दा क्यों नहीं.आपको बता दें कि ट्रिपल तलाक को लेकर

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सुनवाई के दौरान कोर्ट ने AIMPLB से पूछा कि क्या ये मुमकिन है कि महिला को यह अधिकार दे दिया जाए कि वह एक साथ तीन तलाक देने पर तलाक को स्वीकार ना करें. इस क्लॉज़ को निकाहनामा में भी शामिल किया जा सकता है, जिसमें कहा गया है कि तीन तलाक के तुरंत बाद भी शादी नहीं टूट सकती है.कोर्ट ने कहा कि इस मुद्दे को तभी लागू किया जा सकता है

जब काज़ी इस मुद्दे को जमीनी स्तर तक लागू करें. हालांकि AIMPLB की ओर से युसुफ हातिम ने कहा कि AIMPLB की एडवाइजरी को मानना सभी काज़ी के लिए जरूरी नहीं है. हालांकि वे हमारे सुझाव को मान सकते हैं.बोर्ड ने कोर्ट को 14 अप्रैल 2017 को पास किये गए एक फैसले के बारे में भी बताया, जिसमें कहा गया था कि ट्रिपल तलाक एक पाप है, और ऐसा करने वालों का सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा.

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