वरुण गांधी हमेशा विवादों से घिरे रहने वाले व्यक्ति है. कभी पार्टी लाइन से हटकर कोई बयान देते है तो कभी कुछ ऐसा बोल देते है कि पार्टी के लिए मुश्किल हो जाता है. कुछ लोग उनमे उनके पिता संजय गाँधी का अक्स देखते है तो कुछ उन्हें अतिमहत्वाकांक्षी मानते है और कहते है कि वरुण गाँधी सरकार में मंत्री पद न पाने से नाराज़ है. पार्टी संगठन में भी उन्हें कोई ख़ास तवज्जो नही दी जाती है. महासचिव पद से हटा दिया गया. यूपी के सुल्तानपुर से सांसद होते हुए भी उत्तर प्रदेश चुनाव के दौरान वरुण गांधी प्रचार से गायब रहे.
सुल्तानपुर में अमित शाह ने वहां के सांसद वरुण गांधी के बगैर ही रैली की. वरुण को उम्मीद थी कि उत्तर प्रदेश चुनाव में भाजपा उनका इस्तेमाल करेगी. लेकिन पहले तो उनका नाम ही स्टार प्रचारकों की लिस्ट से गायब थे. बाद में भाजपा के एक बड़े नेता की पैरवी पर उनका नाम तो इसमें जुड़ गया लेकिन न तो उन्हें प्रचार के लिए हेलीकॉप्टर मिला और न ही रैली की जगह बताई गई. वरुण गांधी इंतजार करते रह गए और भाजपा के नेता प्रचार करते रहे.