गौरतलब है कि 14 फरवरी को बांदीपुरा में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में चीता घायल हो गए थे। इस मुठभेड़ में 3 जवानों की मौत हो गई थी। इलाके में आतंकियों की मौजूदगी की खबर के बाद सुरक्षा बलों ने सर्च अभियान चलाया था, लेकिन इसकी जानकारी आतंकियों को पहले ही मिल गई थी। चेतन ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे थे। आतंकवादियों ने उन्हें ही अपना निशाना बनाया|
आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान चीता पर 30 गोलियां दागी गईं, जिनमें 9 गोलियां उन्हें लगी थीं। घायल हालत में चीता को पहले श्रीनगर के आर्मी अस्पताल ले जाया गया था, जहां उनकी ब्लीडिंग रोकने के लिए दवाइयां दी गईं। गया था उस समय उनके सिर में गंभीर चोटें थीं। शरीर का ऊपरी हिस्सा बुरी तरह फ्रैक्चर था और दाईं आंख फूट गई थी। इतना कुछ होने के बाद आज चेतन फिर से कश्मीर वापस आना चाहते हैं उन्हें लगता है उनमे कुछ खास है इसलिए 9 गोली खाने के बाद भी वो जिन्दा हैं|