राजा द्रुपद ने अपनी पुत्री द्रौपदी के विवाह के लिए स्वयंवर किया था. जिसमें ब्राह्मण भेष में आए अर्जुन ने स्वयंवर की शर्त को पूरा करके द्रौपदी को अपनी पत्नी बना लिया था. जिस समय द्रौपदी का स्वयंवर हुआ उस समय पांचो पांडव भाई अपनी मां कुंती के साथ अपनी पहचान छिपाकर ब्राह्मण वेश में रहा करते थे और भिक्षा मांग कर अपनी जीविका चलाते थे. पांचों पांडव भाई जितनी भी भिक्षा मांग कर लाते थे उसे अपनी मां कुंती के सामने रख देते थे फिर उसने उस भिक्षा को मां कुंती पांचों में बांट दिया करते थे.
उस दिन भी अर्जुन भाइयों सहित द्रौपदी को लेकर अपने घर आए तो उन्होंने दरवाजे पर खड़े होकर देवी कुंती से कहा कि देखो मां आज हम लोग आपके लिए क्या लेकर आए हैं. परंतु घर का काम कर रही कुंती ने उनकी तरफ देखे बिना ही यह कह दिया की पांचों भाई आपस में बाँट लो. और फिर जो हुआ वो सबको पता है. अब सवाल ये है कि फिर द्रोपदी ने कैसे मनाया था अपना सुहागरात इसकी पूरी जानकारी के लिए देखें विडियो.