Army के सूत्रों के मुताबिक नक्सली संगठन, पीपुल्स लिबरेशन ऑफ गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) ने इस हमले को अंजाम दिया है. सूत्रों के मुताबिक गाँव वालों ने भी नक्सलियों को फौजियों की हत्या करने में मदद की. क्यूंकि वो उन्हीं को अपना नेता मानते हैं.ये नक्सली इन गाँव वालों को देश के खिलाफ भड़काते हैं और फिर यही गाँव वाले अक्सर इनके धोखे में आकर जंगल में जवानों के खुफिया ठिकानों और उनके आने जाने की दशा दिशा बता देते हैं
पहला मौका नहीं है जब हिडमा ने जवानों पर हमले को अंजाम दिया हो, इससे पहले 11 मार्च को भी उसने नक्सलियों के एक दस्ते के साथ मिलकर सुकमा में ही जवानों पर हमला किया था जिसमें 12 जवान शहीद हो गए थे।