वीआईपी कल्चर की लत लग चुकी अधिकारियों ने cm योगी और PM मोदी के खिलाफ मोर्चा खोला

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अधि‌कारियों ने कहना है कि उत्तर प्रदेश के राजस्व अधिकारी आपदा प्रबंधन के नोडल अधिकारी का दायित्व निभाते हैं। यह सड़क और राजमार्ग मंत्रालय के ड्राफ्ट नियम द्वारा आपात कालीन सेवाओं में रखा गया है। उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारियों पर संपूर्ण क्षेत्र में कानून व्यवस्‍था बनाए रखने की जिम्मेदारी होती है, जिसके कारण राजस्व अधि‌कारियों को 24 घंटे क्षेत्र में धरना, आपदा, प्रदर्शन, आंदोलन, दंगे एवं शांति भंग की स्थितियों में दिन रात भ्रमण कर पुलिस अधिकारियों के साथ काम करना पड़ता है।


अधि‌कारियों का कहना है कि ऐसी स्थिति में बिना नीली बत्ती के ऐसे संवेदनशील स्‍थानों ड्यूटी के दौरान समय से न पहुंच पाने के कारण स्थितियां नियंत्रण से बाहर हो सकती हैं। इसके अलावा प्रोटोकॉल एवं अतिक्रमण हटाने, विभिन्न प्रकार औचक निरीक्षण एवं अवैध कब्जों को हटाने के समय पुलिस और अन्य विभाग मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में काम करते हैं। ऐसे में बिना नीली बत्ती के भीड़ पर काबू पाना एवं विभिन्न निरीक्षणों का नेतृत्व करना अत्यंत कठिन हो जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि कानून और व्यवस्‍था स्‍थापित करने एवं प्रशासन को सुचारु रुप से चलाने , समयबद्ध और त्वरित कार्रवाई के लिए नीली बत्ती अत्यंत आवश्यक है। इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में वाराणसी के नगर आयुक्त एसपी शाही, एडीएम सिटी जितेंद्र मोहन सिंह, अपर नगर आयुक्त राजेंद्र सिंह सेंगर समेत सभी आला पीसीएस अफसर शामिल हैं।

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