पूरी दुनिया हिल गयी इस फोटो की सच्चाई जानकर ,, दिल दहलाने वाला सच

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बच्चों को प्यार करते हुए उन्हें अपनी गोद में उठाना-पुचकारना सामान्य है और इसमें सुकून है। अपने मरे हुए बच्चों का शव थामे उन्हें जमीन में दफन करना, ना तो सामान्य है और ना ही इसमें सुकून है। ठीक ही कहते हैं कि ताबूत जितना छोटा होता है, उसका दर्द उतना ही ज्यादा होता है।


अब्देल हमीद अल-यूसुफ ने जब अपने 9 महीने के जुड़वा बच्चों- अया और अहमद को अपनी दोनों बांहों में सीने के अगल-बगल थामे हुए थे, उस घड़ी दुनिया की कोई बात अल-यूसुफ को राहत नहीं दे सकती थी। दोनों बच्चों का शव थामे अल-यूसुफ कभी बिलखकर रोते, तभी उनके बालों को प्यार से सहलाते और फिर आंसू में डूब जाते। दोनों बच्चों के शव को जमीन में गाड़ते हुए अल-यूसुफ के होंठ कापें और एक बुदबुहाट सी निकली, जो कह रही थी, ‘अलविदा कहो बच्चों, कहो अलविदा।’

आगे जानिए कितने लोग मरे अल-यूसुफ के परिवार में

स्लाइडर के जरिये पढ़ें पूरी पोस्ट..

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