पूरी दुनिया हिल गयी इस फोटो की सच्चाई जानकर ,, दिल दहलाने वाला सच

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अल-यूसुफ की तकलीफ बस इतने पर खत्म नहीं हुई। मंगलवार को सीरिया के इदलिब प्रांत स्थित खान शेखून शहर में हुए रसायनिक हमले में उनके परिवार के 22 सदस्य मारे गए। अल-यूसुफ ने उन सबों को एक बड़ी सी कब्र में एकसाथ दफन कर दिया। इसी कब्र में अपने रिश्तेदारों के साथ अया और अहमद की भी लाशें दफन कर दी गईं। इस हमले में 80 से भी ज्यादा लोगों की मौत हुई। मरने वालों में सबसे ज्यादा तादाद बच्चों की है।


मृतकों में 30 बच्चे और 20 महिलाएं शामिल हैं। अल-यूसुफ परिवार इस शहर के सबसे बड़े खानदानों में से एक था। हमले ने इसके 22 सदस्यों की जान लेकर खानदान को ही छोटा कर दिया। इसी परिवार की एक अन्य सदस्य अया फदल बताती हैं कि हमले के बाद अपने 20 महीने के बेटे को गोद में लेकर वह घर से बाहर भागीं। उन्हें लगा था कि बाहर गली में जाने पर जहरीली गैस से उनकी हिफाजत होगी। अया ने जो सोचा था, वैसा बिल्कुल नहीं हुआ। बाहर लाशें बिछी थीं। एक पिक-अप ट्रक ने आकर लाशों को भरा। इनमें अया के अपने रिश्तेदार और छात्र भी थे। 25 साल की अया अंग्रेजी की शिक्षिका हैं।

स्लाइडर के जरिये पढ़ें पूरी पोस्ट..

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