डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के नए राष्ट्रपति होंगे। राष्ट्रपति चुनाव में हिलेरी क्लिंटन को मात देने वाले ट्रंप की कामयाबी से दुनिया हैरान है। डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कैंपेन के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी की तर्ज पर ‘अबकी बार ट्रंप सरकार का नारा’ दिया था। ख़बर है कि ट्रंप का पहला निशाना हाफिज सईद बनने जा रहा है, वो अपनी जीत में पीएम मोदी के योगदान से इस कदर खुश हैं कि वे हाफिज को भारत के लिए सबक सिखाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी की जीत के चलते उनका हौसला बढ़ा है। ट्रंप ने यह भी कहा था कि, ‘भारत के बारे में दुनिया की सोच बदल रही है और आशावाद लौट रहा है।’ अब जब ट्रंप विश्व के सबसे ताकतवर राष्ट्र के सबसे ताकतवर इंसान बन गए हैं ऐसे में सवाल ये है कि क्या वे भारत के साथ मिलकर आंतक परस्त पाकिस्तान को सबक सिखाएंगे।
पाकिस्तान को सबक सिखाना चाहते हैं ट्रंप:-
ट्रंप ने हमेशा ही आतंकवाद के खिलाफ भारत की मुहिम का भी समर्थन किया। उन्होंने इस्लामी आतंकवाद शब्द का इस्तेमाल न करने को लेकर अपनी प्रतिद्वंद्वी हिलेरी क्लिंटन की आलोचना करते हुए कहा, ‘हम इस बात की सराहना करते हैं कि हमारा अच्छा दोस्त भारत चरमपंथी इस्लामी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका के साथ रहा है। भारत मुंबई धमाकों समेत आतंकवाद की क्रूरता देख चुका है। उन्होंने कहा, ‘वह एक ऐसी जगह है, जिसे मैं प्यार करता हूं और मैं समझता हूं।
ट्रंप का मानना है कि धर्म और नस्ल के आधार पर लोगों से निपटना ज़रूरी है ताकि अमरीका में आतंकवादी हमले रोके जा सकें। आमतौर पर ट्रंप का निशाना मुसलमानों पर रहता है। ऐसे में हाफिज सईद और पाकिस्तान कि अब खौर नहीं।
पीएम मोदी और ट्रंप की दोस्ती से डरा हाफिज (Target hafiz saeed)–
गौरतलब है कि भारत 2008 के मुबई आतंकी हमले की साजिश रचने के लिए सईद को न्याय की जद में लाने के लिए बार-बार पाकिस्तान से कहता रहा है। वह अक्सर भारत विरोधी रैलियों को संबोधित करता रहा है। इस्लामाबाद का कहना है कि उसके पास सईद के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। मुंबई आतंकी हमले में कुल 166 लोग मारे गए थे। सईद के सिर पर अमेरिका ने एक करोड़ डॉलर का इनाम रखा है।
पीएम मोदी और ट्रंप भी हमेशा से कहते रहे हैं कि हाफिज पाकिस्तान सरकार कि सरपरस्ती में पाकिस्तान में खुलेआम घुमता है। यहां तक कि उसे पाकिस्तान के फौजी जवान सुरक्षा भी देते हैं। ट्रंप के अमेरिका का नया राष्ट्रपति बनने के बाद एक बात तो साफ हो गई है कि न तो आतंकियों कि न ही इनके आकाओं कि खैर है।
पाकिस्तान और हाफिज से मोदी और ट्रंप एक जैसी ही नफरत करते हैं। औऱ किसी भी तरह से आतंक औऱ आतंकियों को खत्म करना चाहते हैं।